Igas: देहरादून में बिखरा इगास का उल्लास, लोकनृत्य कर खेला भैलो
देहरादून में बूढ़ी दिवाली यानी इगास का पर्व धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाओं ने कार्यक्रम आयोजित किए जिनमें लोकनृत्य और पहाड़ी व्यंजनों का आनंद लिया गया। धाद संस्था ने आपदा प्रभावित बच्चों के साथ इगास मनाया और उनकी शिक्षा के लिए मदद की। ब्रह्मपुरी में इगास पर्व समिति ने कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें लोक गायक निधि राणा और राम कौशल ने गीत प्रस्तुत किए। राज्य आंदोलनकारियों और उत्कृष्ट जन कल्याण सेवा समिति ने भी इगास मनाया।

विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से जगह जगह किए इगास पर आयोजन. Jagran
जागरण संवाददाता, देहरादून! लोकपर्व इगास यानी बूढ़ी दिवाली का उल्लास दून में चहुंओर बिखरा। विभिन्न सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं की ओर से पारंपरिक व सांस्कृतिक आयोजनों से शाम रोशन हुई। वाद्य यंत्रों की धुन पर पारंपरिक लोकनृत्य की प्रस्तुति, पहाड़ी व्यंजनों की खुशबू व भैलो की रोशनी पर लोग ''भैलो रे भैलो, अंध्यरो भजैकि उज्यलो देलो'' का गयान कर खुशी से झूमे। आम से खास लोगों ने इस पर्व को मनाते हुए एक दूसरे को बधाई दी। पकोड़े और स्वाले बनाकर एक दूजे को भेंट किए।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को लोकपर्व इगास मनाया जाता है। ऐसे में शनिवार सुबह से ही लोग घरों में तैयारियों में जुट गए। पारंपरिक पकवान में उड़द की दाल की पकोड़ी, स्वाले बनाए। गोवंश की धूप, तिलक, फूलों की माला पहनाकर पूजा की। इसके बाद झंगोरा, भात का पींडू यानी पौष्टिक आहार बनाकर खिलाया। रात को दीये जलाकर घरों को रोशन किया। युवा पीढ़ी को पहाड़ की संस्कृति व परंपराओं से रूबरू कराने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों की ओर से भव्य रूप से इगास मनाया गया। कलाकारों ने सांस्कृतिक गीत व नृत्य की प्रस्तुति दी। विभिन्न स्टाल पर लोग ने पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लिया। रात को भैलो खेलकर उत्तराखंड की लोकसंस्कृति का भी संदेश दिया।
धाद ने आपदा प्रभावित बच्चों संग संवाद कर मनाया इगास
देहरादून: धाद संस्था की ओर से उत्तराखंड में आपदा प्रभावित बच्चों के साथ संवाद कर इगास मनाया। इस दौरान संस्था की ओर से आपदा प्रभावित बच्चों की शिक्षा के लिए चलाए जा रहे पुनरुत्थान कार्यक्रम के 12 वर्ष पूरे होने पर भव्य कार्यक्रम किया। इसके तहत संस्था ने प्रदेशभर के 85 बच्चों के साथ यह पर्व मनाते हुए खुशियां बांटी।
हरिद्वार बाइपास स्थित संस्कृति विभाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग शामिल हुए। विभिन्न जिलों से पहुंचे आपदा प्रभावित बच्चों के साथ बातचीत और उन्हें अपने अनुभव बताए। सभी ने इन बच्चों की शिक्षा के लिए हर संभव मदद कर आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया। इसी क्रम में बच्चों की शिक्षा के लिए लंबे समय से प्रयासरत विजय जुयाल, नरबीर बिष्ट, तारा गौड़, रोहित मालकोटी के अलावा स्व. शिव प्रसाद ग्वाड़ी के स्वजन को सम्मानित किया।
धाद के सचिव तन्मय ममगाईं ने कहा कि आपदा प्रभावित बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए पुनरुत्थान की नींव रखी गई। जिसमें लगातार बच्चे जुड़े रहे हैं और उनकी शिक्षा का इस अभियान के तहत संकल्प लिया गया है। कार्यक्रम में पहाड़ी भोज के साथ धाद की शांति बिंजोला व सुनीता बहुगुणा ने ढोल दमाऊं की प्रस्तुति दी। जिस पर सभी ने नृत्य किया। इसके बाद सामूहिक भैलो खेला और गीत गाए। इस मौके पर पुनरुत्थान के संयोजक जगमोहन रावत, लोकेश नवानी, डीसी नौटियाल, दयानंद डोभाल आदि रहे।
निधि राणा व राम कौशल के गीतों पर झूमे लोग
देहरादून: इगास पर्व समिति ब्रह्मपुरी की ओर से ब्रह्मपुरी स्थित छठ पार्क में आयोजित इगास बग्वाल कार्यक्रम में ढोल दमाऊं संग लोकगायिका निधि राणा व लोकगायक राम कौशल के गीतों पर लोग खूब झूमे।
कार्यक्रम में पूर्व महापौर सुनील उनियाल गामा, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने शिरकत की। इसके बाद लोकगायिका निधि राणा ने माधो सिंह भंडारी इगास बग्वाल से गीत की शुरूआत की। निधि राणा और राम कोशल ने प्यारू छ कुमौ प्यारूर गढ़वाल, ओ भैना कसके जानू द्वाराहाट, क्रीम पौडर, ओ साहिबा, रासु लगे मेरी चैता, ओ मेरी गैल्यानी रमिता, बंदोला बंदोला, मंगशीर बग्वाल की प्रस्तुति पर लोग भी खूब झूम उठे। इस मौके पर समिति के संरक्षक सतीश कश्यप, दीपक रावत, गौरव बुड़ाकोटी, पुष्पराज ध्यानी, शिव प्रसाद नौटियाल, प्रताप सिंह, महेश्वरी पंवार, प्रिया पंत, कुसुम नैनवाल, अजय ममगाईं आदि मौजूद रहे।
इगास पर आंदोलनकारियों ने खेला भैलो
देहरादून: कचहरी स्थित शहीद स्मारक में राज्य आंदोलनकारियों ने इगास पर्व पर भैलो खेला। पारंपरिक नृत्य झूमैलो की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मनमोहा। कलाकारों ने इगास के गीतों की प्रस्तुति दी। राज्य आंदोलनकारी जयदीप सकलानी ने बताया इगास पर्व पारंपरिक पर्व है। जिसको सादगी के साथ मनाया जाना चाहिए। रीति रिवाज, पारंपरिक सभ्यता को बचाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों ने इस पर्व की महत्ता बताते हुए सामूहिक भैलो खेला। अपने अपने घरों से लाए गए पकोड़े और स्वाले को यहां एक दूसरे को वितरित किया। सभी ने आने वाले समय में इस पर्व को और भी भव्य बनाने का संकल्प लिया। इस मौके पर मचं के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरती, रामलाल खंडूड़ी आदि मौजूद रहे।
उत्कृष्ट जन कल्याण सेवा समिति के इगास में गीतों पर झूमे
देहरादून: उत्कृष्ट जन कल्याण सेवा समिति की ओर से त्यागी रोड स्थित महावर धर्मार्थ ट्रस्ट में इगास मनाया गया। इस दौरान गढ़वाली, कुमाऊंनी गीतों की रंगारंग प्रस्तुति के साथ नृत्य हुए। लोक संस्कृति के रंग में रंगा इस पर्व को हर किसी को झूमने पर मजबूर किया। इसके बाद सामूहिक भैलो खेलते हुए गीत गाए। स्वाले पकोड़े और चाय के साथ आनंद लिया। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष राजकुमार कक्कड़, उपाध्यक्ष विपिन खंडूड़ी, महामंत्री गौरव खंडूड़ी, बाबूराम सहगल, भोरेलाल गुप्ता, विनय बंसल आदि मौजूद रहे।

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