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हड़ताल न करने का शपथ पत्र भरने के बाद ही मिलेगी रोडवेज में नौकरी

रोडवेज प्रबंधन ने नए कर्मियों की हड़ताल से दूरी रखने की तैयारी कर ली है। प्रबंधन ने नई नियुक्ति से पहले संबंधित आवेदक के लिए आठ पेज का शपथ-पत्र अनिवार्य कर दिया है।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 12:24 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 08:41 PM (IST)
हड़ताल न करने का शपथ पत्र भरने के बाद ही मिलेगी रोडवेज में नौकरी
हड़ताल न करने का शपथ पत्र भरने के बाद ही मिलेगी रोडवेज में नौकरी

देहरादून, जेएनएन। माह में 20 दिन कर्मचारियों की हड़ताल, घेराव, प्रदर्शन या धरने आदि का नोटिस और विरोध झेलने वाले रोडवेज प्रबंधन ने नए कर्मियों को इस सबसे दूरी रखने की तैयारी कर ली है। प्रबंधन ने नई नियुक्ति से पहले संबंधित आवेदक के लिए आठ पेज का शपथ-पत्र अनिवार्य कर दिया है। इसमें सबसे अहम शर्त है कि संबंधित आवेदक नियुक्ति होने के बाद किसी धरना, प्रदर्शन, आंदोलन या हड़ताल में शामिल नहीं होगा। इस सूरत में उसकी सेवा तत्काल खत्म कर दी जाएगी। 

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प्रदेश में रोडवेज एकमात्र ऐसा निगम है, जहां सबसे ज्यादा कर्मचारी संगठन हैं। नौ कर्मचारी संगठन तो यहां बाकायदा दर्ज हैं। इसके अलावा कर्मचारियों की ओर से कुछ छोटे संगठन और बनाए गए हैं। आएदिन ये संगठन कभी मुख्यालय, मंडलीय प्रबंधकों, डिपो सहायक महाप्रबंधकों और कार्यशाला में काम ठप करने की चेतावनी देकर प्रबंधन पर दबाव बनाते रहते हैं। 

इतना ही नहीं बस संचालन ठप करके निगम को आर्थिक हानि भी पहुंचाई जाती है। इससे यात्री भी परेशान होते हैं। प्रबंधन का आधे से ज्यादा समय सुलह वार्ता बुलाकर कर्मचारी संगठनों को मनाने में बीतता है। 

इससे बचने के लिए अब नए प्रबंध निदेशक आर राजेश कुमार ने निगम में नई नियुक्ति से पहले आठ पेज का एक शपथ-पत्र देना अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि संविदा पर मौजूदा वक्त में परिचालकों की जो नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। उसमें यह शर्त पहली बार लागू की गई है। 

इनका सौ रुपये के स्टांप पेपर पर अनुबंध बनेगा। सेवाकाल 11 माह का होगा व उसके बाद कार्य के आधार पर अनुबंध आगे बढ़ाने पर फैसला होगा। आंदोलन न करने की शर्त के साथ ही आवेदक पर कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं होना चाहिए। 

संविदा परिचालकों से मांगी शपथ

परिवहन निगम में गतिमान 367 संविदा परिचालकों को नियुक्ति ये पहले अब यही शपथ-पत्र देना होगा। सौ रुपये के स्टांप पेपर पर नियुक्ति का एक अनुबंध पत्र देना होगा। आठ पेज के इस अनुबंध पत्र में एक पेज शपथ-पत्र का है। इसमें स्पष्ट अंकित किया गया है कि नियुक्ति के बाद संबंधित परिचालक किसी आंदोलन जैसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा। अगर ऐसा किया तो नियुक्ति निरस्त कर दी जाएगी। 

बता दें कि, शासन की अनुमति के बाद अक्टूबर-2017 में संविदा पर 424 परिचालकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। नवंबर में आवेदकों ने लिखित परीक्षा दी जबकि फरवरी-2018 में साक्षात्कार लिया गया। मेरिट के आधार पर इनमें 367 आवेदक ही परिचालक के लिए उत्तीर्ण हो पाए। 

फिर 12 अप्रैल-2018 को महाप्रबंधक (प्रशासन एवं कार्मिक) निधि यादव ने देहरादून मंडल में 175, नैनीताल में 162 और टनकपुर मंडल में 30 संविदा परिचालकों का आवंटन आदेश जारी किया था, मगर शासन के आदेश पर नियुक्ति रोक दी गई थी। पिछले दिनों ही नियुक्ति से रोक हटी है।

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