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झंडा साहिब के दर्शन को देश-विदेश से पहुंचेंगे लाखों श्रद्धालु

फाल्गुन मास की पंचमी तिथि को लगने वाले झडा मेले को लेकर तैयारिया शुरू हो गई हैं। होली के पाचवें दिन से शुरू होने वाला झडा मेला इस बार 25 मार्च से शुरू होगा। दरबार साहिब को इसके लिए भव्य तरीके से सजाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 07:55 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 07:55 PM (IST)
झंडा साहिब के दर्शन को देश-विदेश से पहुंचेंगे लाखों श्रद्धालु
झंडा साहिब के दर्शन को देश-विदेश से पहुंचेंगे लाखों श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, देहरादून : फाल्गुन मास की पंचमी तिथि को लगने वाले झडा मेले को लेकर तैयारिया शुरू हो गई हैं। होली के पाचवें दिन से शुरू होने वाला झडा मेला इस बार 25 मार्च से शुरू होगा। इसके लिए दरबार साहिब को भव्य तरीके से सजाया गया है। 95 फीट ऊंचे झंडेजी को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य इस बार जालंधर के हरजोत सिंह को मिलेगा। उनके दादा ने करीब सौ साल पहले गिलाफ चढ़ाने के लिए आवेदन किया था।

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शुक्रवार को पूजा-अर्चना के बाद दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास महाराज ने मेले में संगतों को कुशल संचालन और प्रबंधन के लिए आवश्यक निर्देश दिए। दरबार साहिब के प्रबंधक व मेला प्रभारी कैलाश चंद्र जुयाल ने बताया कि फाल्गुन मास की पंचमी तिथि को ऐतिहासिक झडे मेले का आरोहण होगा। इसके साथ ही मेला शुरू हो जाएगा। झडा जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का प्रावधान है। इस बार पंजाब प्रांत के जालंधर जिले के नवांशहर के चिक्का गांव के हरजोत सिंह करीब सौ साल बाद अपने दादा की अरजी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे। उन्होंने बताया कि दर्शनी गिलाफ के लिए वर्ष 2117 और सनील गिलाफ के लिए वर्ष 2042 तक की बुकिंग हो चुकी है। श्री दरबार साहिब मेला समिति ने इस बार चार बड़ी एलईडी स्क्रीनों की भी व्यवस्था की है। जो दर्शनी गेट, भंडारी चौक, सहारनपुर चौक, दरबार साहिब परिसर में स्क्रीन लगाई जाएगी। जिस पर झंडे जी के आरोहण का लाइव प्रसारण किया जाएगा। ड्रोन द्वारा भी विशेष कवरेज की जाएगी। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि डॉक्टरों और सहायक स्टाफ की पूरी टीम मेला स्थल पर तैनात रहेगी। 400 साल पुरानी है मान्यता

प्रबंधक कैलाश चंद्र जुयाल ने बताया कि मेले का ऐतिहासिक महत्व है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-विदेश से संगत पहुंचती हैं। पूजा-अर्चना के बाद झंडे जी को उतारा जाता है। इसके बाद विधि विधान से स्नानादि कराकर झंडा साहिब जी का आरोहण किया जाता है। पहले सादे गिलाफ और सनील के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं। उसके बाद दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है। बताया कि मेले का इतिहास 400 साल पुराना है। श्री गुरु राम राय ने वर्ष 1676 में दून आने के बाद से यहां विशाल झंडा लगाकर इस ध्वज से आशीर्वाद प्राप्त करने का संदेश दिया। तभी से श्री झंडा साहिब के दर्शन की परंपरा शुरू हो गई। दस लाख संगतों की उमड़ेगी भीड़

श्री दरबार साहिब में मेले के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, दिल्ली, उत्तराखंड आदि राज्यों समेत विदेश से संगत पहुंच रही है। दरबार साहिब की ओर से इनके लिए एसजीआरआर स्कूलों, धर्मशालाओं और होटलों में ठहरने की व्यवस्था की गई है। विशेष लंगरों का आयोजन किया जा रहा है। बताया कि इस बार दस लाख संगत के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं ने सिलने शुरू किए गिलाफ

दरबार साहिब में महिला श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को श्री झंडा साहिब के लिए गिलाफ सिलने शुरू किए। पहले दिन सिलाई मशीन और हाथों से सुई धागे की मदद से गिलाफ सिलने शुरू किए। यह सिलसिला 24 मार्च तक जारी रहेगा। सुरक्षा के होंगे कड़े इंतजाम

मेला स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी कड़े इंतजाम किए जाएंगे। पुलिस बल की तैनाती के साथ ही फायर ब्रिगेड की पांच गाड़ियों भी मौके पर मौजूद रहेंगी। मेला संचालन समिति की ओर से 40 सीसीटीवी, पांच मैटल डिटेक्टर व पांच हैंड मैटल डिटेक्टरों की भी व्यवस्था की गई है।


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