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एकीकृत कृषि विकास योजना को जापान का संबल, पढें पूरी खबर Dehradun News

किसानों की आय दोगुना करने के मकसद से केंद्र सरकार से अनुमोदित राज्य की एकीकृत कृषि विकास योजना को आगे बढ़ाने में जापान मदद करेगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 04:45 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 04:45 PM (IST)
एकीकृत कृषि विकास योजना को जापान का संबल, पढें पूरी खबर  Dehradun News
एकीकृत कृषि विकास योजना को जापान का संबल, पढें पूरी खबर Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। कोशिशें परवान चढ़ी तो किसानों की आय दोगुना करने के मकसद से केंद्र सरकार से अनुमोदित राज्य की एकीकृत कृषि विकास योजना को आगे बढ़ाने में जापान मदद करेगा। हाल में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की अगुआई में जापान दौरे पर गए उच्च स्तरीय शिष्टमंडल ने वहां जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) के अधिकारियों से इस योजना के बारे में चर्चा की। सचिव कृषि आर. मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार जायका ने योजना में वित्त पोषण की इच्छा जताई है। जल्द ही इसे लेकर जायका के अधिकारियों से अगले दौर की वार्ता होगी। 

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घटती कृषि विकास दर और पलायन के कारण बंजर में तब्दील होती कृषि भूमि ने हर किसी को चिंता में डाला हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य गठन के बाद से अब तक 72 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि बंजर हुई है। हालांकि, गैर सरकारी आंकड़े इसे एक लाख हेक्टेयर के करीब बताते हैं। इस सबको देखते हुए सरकार ने खेती-किसानी की तस्वीर संवारने और किसानों की आय दोगुना करने पर फोकस किया है। 

इस कड़ी में राज्य के लिए 700 करोड़ की एकीकृत कृषि विकास योजना को केंद्र सरकार ने अनुमोदित किया था। इससे सूबे में कृषि को नए आयाम मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन बाद में योजना को 350-350 करोड़ के दो चरणों में विभक्त किया गया। इसके चलते विश्व बैंक से इस योजना के लिए वित्त पोषण नहीं हो पाया था। इसमें विश्व बैंक के मानक आड़े आए गए। बताया गया कि विश्व बैंक 40 मिलियन डॉलर से कम की फंडिंग नहीं करता और योजना की राशि 28 मिलियन डॉलर के करीब बैठ रही थी। अलबत्ता, केंद्र से ढाई सौ करोड़ की राशि उपलब्ध हो गई थी। 

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सचिव कृषि आर. मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार जापान दौरे के दरम्यान जायका के अधिकारियों से मुलाकात के दौरान एकीकृत कृषि विकास योजना के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। विमर्श के दौरान जायका के निदेशक ने योजना के लिए पूरी फंडिंग करने की इच्छा जताई। सचिव कृषि के अनुसार इस संबंध में जायका को प्रस्ताव भेजा जाएगा। 

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बनेंगे सेंटर आफ एक्सीलेंस 

एकीकृत कृषि विकास योजना के तहत विभिन्न जिलों में सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाने हैं। ये सेंटर सेब, मशरूम, मधुमक्खी पालन, सगंध खेती, जड़ी-बूटी, अखरोट आदि के एक प्रकार से क्लस्टर होंगे। इनमें नर्सरी से लेकर उत्पादन, प्रोसेसिंग के साथ-साथ विपणन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। 

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