दरबान सिंह नेगी के नाम पर हो ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन
हिमालय बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को ग्रीन लाइन-ग्रीन स्टेशन बनाने की मांग को लेकर कर्णप्रयाग से चलकर जन संवाद यात्रा देहरादून पहुंची।
जागरण संवाददाता, देहरादून : हिमालय बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को ग्रीन लाइन-ग्रीन स्टेशन बनाने की मांग को लेकर कर्णप्रयाग से चलकर जन संवाद यात्रा देहरादून पहुंची। इस मौके पर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का नाम 'विक्टोरिया क्रॉस दरबान सिंह नेगी वॉर मेमोरियल रेलवे लाइन' रखने की मांग की गई। इसके लिए मुख्य सचिव के माध्यम से प्रधानमंत्री व रेल मंत्री को भी ज्ञापन भेजा गया।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को ग्रीन रेलवे लाइन व ग्रीन स्टेशन बनाने की मांग को लेकर तीर्थ सेरे-हमारी पहचान के तहत जन संवाद यात्रा 11 फरवरी को कर्णप्रयाग से शुरू हुई। जिसके बाद यात्रा रेलवे लाइन के विभिन्न हिस्सों से होती हुई 14 फरवरी को देहरादून पहुंची। यहां प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता में यात्रा के मुख्य संरक्षक पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. मोहन सिंह रावत गांववासी ने कहा कि पहाड़ की विरासतीय पहचान को बचाना जरूरी है। पहाड़ में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए रेलवे लाइन के दोनों तरफ हरित पट्टी का निमार्ण किया जाए। इसके अलावा रेलवे लाइन के सभी स्टेशनों पर उत्तराखंड की संस्कृति की झलक के साथ-साथ पहाड़ के व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए कैटरिग मेन्यू में पहाड़ी व्यंजन शामिल किए जाएं। साथ ही स्टेशन पर उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों का व्याख्यान किया जाना चाहिए। इसके अलावा स्टेशन पर सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली से संचालित होने वाले सभी कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि विक्टोरिया क्रॉस दरबान सिंह नेगी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के बाद पहाड़ में रेलवे लाइन की मांग की थी। ऐसे में इस रेलवे लाइन का नाम विक्टोरिया क्रॉस दरबान सिंह नेगी वॉर मेमोरियल रेलवे लाइन रखा जाए। उन्होंने बताया कि अपनी सभी मांगों के लिए उन्होंने मुख्य सचिव उत्पल कुमार से मुलाकात कर प्रधानमंत्री व रेल मंत्री को ज्ञापन भेजा है। यात्रा में हिमालय बचाओ आंदोलन के संयोजक समीर रतूड़ी, गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेम बल्लभ नैथानी, पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद दरमोड़ा शामिल रहे।