श्रीजी भगवान की रथयात्रा में झूमे जैन समाज के लोग
दशलक्षण पर्व के दसवें दिन श्रीजी भगवान की रथयात्रा धूमधाम से निकाली गई। श्रद्धालुओं ने बैंड-बाजों के साथ शहर में शोभायात्रा निकालकर भगवान का आशीर्वाद लिया। सुंदर झांकियों के बीच जैन समाज के लोग भजनों पर झूमते नजर आए।
जागरण संवाददाता, देहरादून: दशलक्षण पर्व के दसवें दिन श्रीजी भगवान की रथयात्रा धूमधाम से निकाली गई। श्रद्धालुओं ने बैंड-बाजों के साथ शहर में शोभायात्रा निकालकर भगवान का आशीर्वाद लिया। सुंदर झांकियों के बीच जैन समाज के लोग भजनों पर झूमते नजर आए।
रविवार सुबह 11 बजे जैन धर्मशाला से रथयात्रा का शुभारंभ हुआ। यात्रा में श्रद्धालु मेरे सिर पर रख दो गुरुवर अपने ये दोनों हाथ, महावीरा झूले पालना भजनों पर झूमते दिखे। वर्णी जैन इंटर कॉलेज और महावीर जैन कन्या पाठशाला की छात्राओं ने महावीर भगवान का संदेश जिओ और जीने दो के नारे लगाए। यात्रा भगवान महावीर चौक, झंडा बाजार, अखाड़ा मोहल्ला, मोती बाजार, कोतवाली, पलटन बाजार, घंटाघर, दर्शनलाल चौक, डिस्पेंसरी रोड, सर्राफा बाजार, पीपल मंडी, राजा रोड होते हुए वापस जैन धर्मशाला पहुंचकर संपन्न हुई। सभी श्रद्धालुओं ने भगवान का नमन कर आशीर्वाद लिया।
इससे पूर्व सुबह सभी जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई। जैन धर्मशाला स्थित जैन मंदिर में श्रद्धालुओं ने अभिषेक और शांतिधारा की। वासुपूज्य भगवान के निर्वाण कल्याणक पर 12 किलो का निर्वाण लड्डू चढ़ाया गया। इस मौके पर जैन धर्मशाला के मंत्री संदीप जैन ने बताया कि अनंत चतुर्दशी के दिन जैन धर्म के 12वें तीर्थकर भगवान वासुपूज्य जी ने पावापुरी में मोक्ष प्राप्त किया था। इसलिए इस दिन मंदिर में निर्वाण लड्डू अर्पित किया जाता है। इसके बाद श्रीजी भगवान के रथ के लिए बोलियां लगाकर पात्रों का चयन किया गया। इसमें श्रीजी भगवान के ख्वासी के लिए राजीव जैन, खजांची के लिए सुधीर कुमार और विभोर जैन, सारथी के लिए अमन जैन और आरती करने का अमित जैन को सौभाग्य प्राप्त हुआ। शाम को सभी जैन मंदिरों में सामूहिक आरती की गई। इस दौरान हर्ष जैन, प्रवीण जैन, राहुल जैन, अजीत जैन, संजय जैन, अशोक जैन, सुनील जैन, मुकेश जैन आदि शामिल रहे।
उत्तम ब्रह्मचर्य की महिमा के बारे में बताया: जैन अनुयायियों ने दशलक्षण महापर्व के अंतिम दिन निर्जल व्रत धारण कर पूजा-अर्चना की गई। जैन मंदिरों में उत्तम ब्रह्मचर्य की महिमा का बखान किया गया। जैन समाज के अध्यक्ष नेमचंद जैन ने बताया कि यह विशेष दिन है। कामसेवा का मन से, वचन से और शरीर से परित्याग कर आत्मा में रमना ही ब्रह्मचर्य है।
सुंदर झांकियां रहीं आकर्षण का केंद्र
शोभयात्रा में श्री भगवान के रथ के अलावा, बाहुबली भगवान, चंदन बाला, कमठ का उपसर्ग और जिओ और जीने दो की सुंदर झांकियां आकर्षण का केंद्र रही।