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यहां आइटीबीपी ने शुरू की स्वास्थ्य सेवा, आम लोगों को मिलेगा उपचार

प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस लोगों को उपचार मुहैया करा रही है। इसकी शुरूआत उत्तरकाशी के मातली और चमोली के जोशीमठ से की गई है।

By Edited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 04:07 PM (IST)
यहां आइटीबीपी ने शुरू की स्वास्थ्य सेवा, आम लोगों को मिलेगा उपचार
यहां आइटीबीपी ने शुरू की स्वास्थ्य सेवा, आम लोगों को मिलेगा उपचार

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) ने अपने स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानीय लोगों का भी उपचार करना शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत उत्तरकाशी के मातली और चमोली के जोशीमठ से की गई है। वहां आइटीबीपी के चिकित्सकों ने आम नागरिकों का भी उपचार करना शुरू कर दिया है। अभी यह सुविधा सप्ताह में दो दिन दी जाएगी। 

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भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की पहल पर आइटीबीपी ने यह कदम उठाया है। राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने बीते माह सितंबर में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र की जनता को अ‌र्द्धसैनिक बलों के चिकित्सकों के माध्यम से उपचार कराने का अनुरोध किया था। उन्होंने गृहमंत्री को उत्तराखंड की सामरिक महत्ता और सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों की स्वास्थ्य समस्या के बारे में अवगत कराते हुए आइटीबीपी के उत्तराखंड स्थित कैंपों में ओपीडी की सुविधा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। 

इस पर केंद्रीय गृह मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति जताई थी। अब इस कड़ी में आइटीबीपी के दो केंद्रों में आम नागरिकों के लिए ओपीडी की सुविधा शुरू कर दी गई है। राज्यसभा सदस्य बलूनी ने बताया कि उन्हें आइटीबीपी के डायरेक्टर जनरल आरके पचनंदा ने उत्तरकाशी के मातली और चमोली के जोशीमठ में आइटीबीपी के चिकित्सकों के आम नागरिकों का उपचार शुरू करने की जानकारी दी। उन्होंने इस पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में आइटीबीपी द्वारा उपचार शुरू करना जनता को भारी राहत देगा। 

उन्होंने इसके लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह और आइटीबीपी का आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि जल्द ही सेना और अन्य अ‌र्द्धसैनिक बल भी जनता को ओपीडी सुविधा देना शुरू कर देंगे। सांसद बलूनी ने सेना और अ‌र्द्धसैनिक बलों को यह भी सुझाव दिया है कि वह सामान्य नागरिकों के उपचार के लिए परिसर की सीमा से अलग कक्ष स्थापित करें, जहां यह ओपीडी सेवाएं दी जा सकें।

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