कामयाबी ने बढ़ाया त्रिवेंद्र का सियासी 'कद'
अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के कारण पहचान बनाने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए इन्वेस्टर्स समिट एक नई पहचान गढ़ने वाली साबित हो सकती है।
केदार दत्त, देहरादून
अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के कारण पहचान बनाने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए इन्वेस्टर्स समिट एक नई पहचान गढ़ने वाली साबित हो सकती है। सियासी तजुर्बे के लिहाज से स्वयं से पहले के सात मुख्यमंत्रियों के मुकाबले अपेक्षाकृत युवा त्रिवेंद्र के नेतृत्व में सरकार जिस तरह देश-विदेश से उम्मीदों से कहीं ज्यादा निवेश को खींचने में सफल रही, उससे उनके 'कद' में इजाफा होना तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही उद्योग जगत की हस्तियों ने जिस तरह से सरकार की पीठथपाई, उससे यही संकेत भी मिले।
राज्य की त्रिवेंद्र रावत सरकार के लिए यह इन्वेस्टर्स समिट बड़ी उपलब्धि साबित होगी। वह इसलिए, क्योंकि अब तक उत्तराखंड की देश-दुनिया में छवि एक धार्मिक-आध्यात्मिक प्रदेश की रही है। इस समिट के सकारात्मक नतीजे इसमें बड़ा बदलाव ला सकते हैं और तब उत्तराखंड की पहचान इंडस्ट्री फ्रेंडली स्टेट के रूप में स्थापित होगी। जहां तक राजनीतिक निहितार्थ का सवाल है, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए व्यक्तिगत रूप से भी यह आयोजन उन्हें स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के वादे के साथ सत्ता संभालने वाले रावत उत्तराखंड को औद्योगिकीकरण की दिशा में अग्रसर करने के लिए जाने जाएंगे। यदि सवा लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में से आधे भी धरातल पर उतरे तो औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिहाज से यह मील का पत्थर साबित होगा।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, हरसिमरत कौर बादल, राज्यमंत्री केजे अल्फोंस, अश्वनी कुमार चौबे तक सभी ने इन्वेस्टर्स समिट की पहल के लिए मुख्यमंत्री रावत और उनकी टीम के प्रयासों को मुक्त कंठ से सराहा। साथ ही औद्योगीकरण के मद्देनजर केंद्र सरकार के स्तर से हरसंभव सहयोग देने का भरोसा भी दिलाया। जाहिर है कि आने वाले दिनों में राज्य में डबल इंजन की सरकार और तेजी से दौड़ेगी।
यही नहीं, देश के उद्योग जगत की तमाम नामी हस्तियों के अलावा जापान और चेक गणराज्य ने उत्तराखंड में निवेश को लेकर जैसा उत्साह दिखाया, उससे मुख्यमंत्री के कद में इजाफा ही हुआ है। मुख्यमंत्री और उनकी टीम देश-विदेश में यह संदेश देने में कामयाब रही है कि निवेश के लिए उत्तराखंड से बेहतर माहौल कहीं और नहीं मिल सकता। यही निवेशकों के उत्साह के पीछे मुख्य वजह भी है।
इन्वेस्टर्स समिट की सफलता पर भाजपा संगठन ने भी मुख्यमंत्री के प्रयासों को सराहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने राज्य बनने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अगुआई में पहली बार बेरोजगारी दूर करने और राज्य की आर्थिकी संवारने की दिशा में गंभीर प्रयास हुए हैं। इसके परिणाम आने वाले दिनों में नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि जिस उत्साह से देश-दुनिया के निवेशकों ने उत्तराखंड में निवेश को लेकर रुचि दिखाई है, उससे साफ है कि सरकार की नीतियां निवेशकों के अनुकूल हैं। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा संगठन इन्वेस्टर्स समिट की सफलता को अपनी मुख्य हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति अमल में लाएगा।