वित्तमंत्री प्रकाश पंत बोले, अगले महीने दून में होगा बजट सत्र
वित्तमंत्री प्रकाश पंत का कहना है कि फरवरी महीने के आखिर में बजट सत्र कराया जा सकता है। आगामी सत्र देहरादून में ही होगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। देश में इस वर्ष आम चुनाव होने हैं, इसे देखते हुए राज्य की भाजपा सरकार भी चुनाव तैयारी में जुट गई है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले लोकलुभावन योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा रहा है तो केंद्र सरकार की तर्ज पर ही राज्य सरकार भी जल्द बजट सत्र आयोजित करने के पक्ष में है। बजट में अगले वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य सरकार का अपना एजेंडा भी झलकेगा। नए वर्ष में सरकार का जोर नए रोजगार सृजन पर रहने वाला है। इस सबके बीच सरकार के सामने वित्तीय संसाधन जुटाने की चुनौती भी है। इन सब हालात पर प्रदेश के संसदीय कार्य, विधायी, वित्त, आबकारी, पेयजल मंत्री प्रकाश पंत से 'दैनिक जागरण' ने बातचीत की।
सवाल: लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में राज्य सरकार कब तक बजट सत्र आयोजित कर सकती है और सत्र इस बार कहां होने की संभावना है?
जवाब: राज्य सरकार की कोशिश लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू करने से पहले बजट सत्र आयोजित करने की है, यह भी देखा जा रहा है कि केंद्र सरकार बजट सत्र कब तय करती है। इसके तुरंत बाद राज्य सरकार भी बजट सत्र की तारीख तय करेगी। फरवरी माह के आखिर में बजट सत्र की संभावना हो सकती है, यह मंत्रिमंडल तय करेगा। आगामी सत्र गैरसैंण के बजाय देहरादून में ही होगा। बजट सत्र में व्यापक तैयारियों के मद्देनजर देहरादून में ही सत्र पर निर्णय लिया जा सकता है। गैरसैंण में प्रत्येक वर्ष एक सत्र का आयोजन किया जाएगा। गैरसैंण उत्तराखंड की आस्था से जुड़ा हुआ है।
सवाल: नया वर्ष 2019 शुरू हो चुका है, राज्य सरकार इस वर्ष किन प्राथमिकताओं पर फोकस कर सकती है?
जवाब: राज्य सरकार का एजेंडा एकदम साफ है। सरकार ने कार्यभार संभालते ही 'सबका साथ सबका विकास' को ही सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। अंतिम व्यक्ति तक रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई और दवाई पहुंचाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। आजादी के बाद 70 वर्षो में देश में शौचालय नहीं थे, लोगों को रसोई गैस, बैंक खाते और चिकित्सा सुविधाओं के लिए धक्के खाने पड़े हैं।
शौचालय निर्माण के साथ ही सबको रसोई गैस, बैंक खाते और चिकित्सा सुविधा समेत बुनियादी जरूरतों को समयबद्ध पूरा करना सरकार का लक्ष्य है। इस पर तेजी से काम शुरू किया गया है। राजनीतिक व धार्मिक विद्वेष के बगैर आम जन की सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि के साथ ही आर्थिक संसाधन पर हिस्सेदारी तय की गई है। नए वर्ष में रोजगार पर विशेष रूप से जोर रहेगा। राज्य के 18 सेवायोजन केंद्रों में रोजगार मेले होंगे। 11 जनवरी को पिथौरागढ़ में इसका आयोजन किया जा रहा है। इन्वेस्टर्स समिट में आ रहे पूंजी निवेश से रोजगार के नए अवसर बढ़ने तय हैं।
सवाल: सरकार और सत्तारूढ़ दल अटल आयुष्मान उत्तराखंड को लोकसभा चुनाव में गेमचेंजर मानकर चल रहा है?
जवाब: सबको स्वास्थ्य कवच सरकार की प्राथमिकता है। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना इस दिशा में बड़ा कदम है। इसके लिए अनुपूरक बजट में 71.50 करोड़ की धनराशि रखी गई थी। इस योजना पर सालाना खर्च 700-800 करोड़ तक आएगा। राज्य सरकार अगले वित्तीय वर्ष के बजट में भी धनराशि का प्रावधान करेगी। इस योजना के लिए सब लाभार्थियों के कार्ड बनाना और इम्पैनल्ड अस्पतालों में लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की चुनौती है, इसका समाधान किया जा रहा है। प्रत्येक परिवार से पांच सदस्य यानी तीन बच्चे और पति-पत्नी के कार्ड योजना में बनाए जाएंगे।
सवाल: राज्य की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है, जीएसटी से अपेक्षित आय नहीं हो रही है। इस चुनौती से कैसे निपटेंगे?
जवाब: जीएसटी में राज्य का उम्दा प्रदर्शन है। 91 फीसद राजस्व संग्रह हुआ है। स्टेट जीएसटी में गिरावट से सरकार कुछ चिंतित है, लेकिन अक्टूबर में यह गिरावट 39 फीसद थी, वहीं नवंबर में यह 35 फीसद रह गई, यह अच्छा संकेत है। एसजीएसटी में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही राज्य को 15वें वित्त आयोग से बड़ी उम्मीद हैं। सरकार ने उनके सामने राज्य की आर्थिक स्थिति को सही तरीके से प्रस्तुत किया है, पूरी उम्मीद है कि राज्य को 15वें वित्त आयोग से 42 हजार करोड़ की मदद मिलेगी। इससे अगले पांच वर्षो में राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूती मिलेगी। 14वें वित्त आयोग में पिछली कांग्रेस सरकार मुस्तैदी से आयोग के समक्ष राज्य की आर्थिक स्थिति नहीं रख पाई, जबकि हिमाचल ऐसा करने में कामयाब रहा।
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