योग से स्थापित हो सकती है पूरे विश्व में शांति: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत
परमार्थ निकेतन में आयुष मंत्रालय भारत सरकार, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड व गढ़वाल मंडल विकास निगम की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आज आगाज हो गया।
ऋषिकेश, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि पूरे विश्व में शांति की स्थापना और हिंसा से बचने के लिए हमें भाषा के रूप में संस्कृत और साधना के रूप में योग को अपनाना चाहिए। भारत की भूमि पर ऋषि-मुनियों के अथक प्रयासों से जन्मा योग आज समूचे विश्व में अपनी महत्ता का सिद्ध कर चुका है। आज पूरा विश्व योग के लिए भारत और खास कर उत्तराखंड की तपोभूमि की ओर आकर्षित हो रहा है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग, गढ़वाल मंडल विकास निगम व वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव- 2018 का गुरुवार को शानदार आगाज हो गया है। मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद मैदान में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, वन मंत्री हरक सिंह रावत व कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्विलत कर किया।
वेद ऋचाओं के वाचन के साथ शुरू हुए योग महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महर्षि पतंजलि योग के परिणेता रहे हैं, उसी योग को कई ऋषि-मुनियों, संतों और योग गुरुओं ने विस्तार देते हुए आज दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह आज विश्व भर मनुष्य का स्वभाव हिंसक हो रहा है, उससे बचने के लिए योग एक बेहतर माध्यम है। उन्होंने कहा कि योग जहां रोगों से मुक्ति दिलाता है वहीं चित्त व वृत्ति पर भी नियंत्रण रखता है।
योग महोत्सव में विश्व के करीब 90 देशों से लगभग 1500 से अधिक योगाचार्य, योग जिज्ञासु व योग विद्यार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रतिदिन योग की 200 से अधिक कक्षाएं चलेंगी, जिसमें मुख्य रूप से अष्टांग योग, आयंगर योग, विन्यास योग, कुंडलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिंतोह योग, सोमैटिक योग, हठ योग आदि प्रस्तुत किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि योग को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अहम भूमिका अदा की। उनके ही प्रयासों से अब 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आयोजित किया जा रहा है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मिसाइल की तकनीकि भले ही हमने दुनिया से प्राप्त की हो मगर योग की विद्या को हमने भी दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने योग के जरिए राजसत्ता, धर्मसत्ता और जनता एक साथ जुड़ रही है, यही योग है।
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि दुनिया भर से ऋषिकेश पहुंचे योग साधकों के लिए वन विभाग ने बीटल्स की याद से जुड़ी चौरासी कुटी में निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था की है। उन्होंने वन निगम से योग महोत्सव को 50 लाख रुपये देने की घोषणा की। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखंड योग की जननी है और दुनिया भर से लोग यहां योग सीखने के लिए पहुंच रहे हैं। आज उत्तराखंड के योग प्रशिक्षक दुनिया के कोने-कोने में योग का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, यह हमारे लिए गर्व की बात है।
इस अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि आठ मार्च तक आयोजित होने वाले योग महोत्सव के लिए इस बार 700 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है। इस बीच योग जिज्ञासुओं को विभिन्न योग विधाओं से परिचित कराया जाएगा। इसके अलावा योग महोत्सव में विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे। इस अवसर पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में योगाचार्य विश्वपाल जयंत भीम, प्रेम बाबा, बीके मोदी, उषा देवी, शांति माई, नगर पालिकाध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल, अपर सचिव पर्यटन पर्यटन व प्रबंधन निदेशक गमंविनि ज्योति नीरज खैरवाल, डीएम टिहरी सोनिका, महाप्रबंधक पर्यटक बीएस राणा, मोहन सिंह बर्निया आदि उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें: गंगा के मायके में भावातीत योग की अलख जगा रहा अमेरिकी दंपती
यह भी पढ़ें: इंटरनेशनल योग फेस्टिवल में खेली जाएगी फूलों की होली, ये हस्तियां होंगी शामिल
यह भी पढ़ें: वॉक फॉर योगा के जरिये दिया स्वस्थ्य रहने का संदेश