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बिखराव को जोड़ने वाली शक्ति है योग: नमो

राज्य ब्यूरो, देहरादून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग में संपूर्ण मानवता को जोड़ने

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 03:00 AM (IST)
बिखराव को जोड़ने वाली शक्ति है योग: नमो
बिखराव को जोड़ने वाली शक्ति है योग: नमो

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग में संपूर्ण मानवता को जोड़ने की साम‌र्थ्य है। जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती हैं तो व्यक्ति, समाज व राष्ट्रों के बीच बिखराव आता है। इस बिखराव और विघटन को जोड़ने वाली शक्ति है योग। उन्होंने कहा कि योग ने दुनिया को 'इलनेस से वेलनेस' का रास्ता दिखाया है। यह प्राचीन होने के साथ ही आधुनिक भी है। योग के पास ही तमाम रोगों व परेशानियों का सटीक उपचार है। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर गुरुवार को देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान के आंगन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में ये बातें कहीं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी बुधवार रात देहरादून पहुंच गए थे। गुरुवार सुबह उन्होंने वन अनुसंधान संस्थान के खचाखच भरे परिसर में लगभग 50 हजार लोगों के साथ योग, प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास किया। इससे पहले अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश-दुनिया को योग की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि देवभूमि की जिस पावन भूमि में चारधाम हैं, जहां आद्यगुरु शंकराचार्य के चरणरज पड़े और जिस धरती ने स्वामी विवेकानंद को बार-बार आकर्षित किया, वहां योग दिवस पर सभी का सम्मिलित होना किसी सौभाग्य से कम नहीं है। अनेक दशकों योग का मुख्य केंद्र रहे उत्तराखंड के पर्वत स्वत: ही योग एवं आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं। यहां आने वाले को अलग तरह की दिव्य अनुभूति होती है। इस पावन धरा में अद्भुत, स्फूर्ति, स्पंदन व सम्मोहन है।

योग के साथ सूर्य का स्वागत

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां- जहां उगते सूरज की किरणें पड़ रही हैं और प्रकाश दैदीप्यमान हो रहा है, दुनिया के उस भूभाग में लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं। देहरादून से डबलिन तक, शंघाई से शिकागो और जकार्ता से लेकर जोहानिसबर्ग तक योग ही योग है।

जोड़ने के साथ खुशहाली भी

नमो ने कहा कि हिमालय के ऊंचे पर्वत हों या फिर धूप से तपते रेगिस्तान, योग हर परिस्थिति में हर जीवन को समृद्ध कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती हैं तो व्यक्तियों, समाज व राष्ट्रों के बीच बिखराव आता है। समाज में दीवारें खड़ी होती हैं और परिवार में कलह बढ़ता है। इस बिखराव के बीच योग जोड़ता है। आज की आपाधापी और तेज रफ्तार जिंदगी में योग मन, शरीर, बुद्धि व आत्मा को जेाड़कर व्यक्ति के जीवन में शांति अनुभूति कराने के साथ खुशहाली बढ़ाता है। परिवार को समाज के प्रति संवदेनशील कर समाज में सद्भाव बढ़ता है। समाज, राष्ट्र की एकता के सूत्र बनते हैं। ऐसे राष्ट्र विश्व में शांति व सौहार्द्र लाते हैं और मानवता बंधुत्वभाव से पल्लवित पोषित होती है।

पावरफुल यूनिफाइंग फोर्स बना योग

संयुक्त राष्ट्र में रखे गए योग के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहला प्रस्ताव है, जिसे दुनिया के सर्वाधिक देशों ने को-स्पांसर किया और संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में सबसे कम समय में पास हुआ। आज विश्व का हर देश, हर नागरिक योग को अपना मानने लगा है, जो भारत के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है। कहा कि हम योग की महान परंपरा को संजोए हुए हैं। अगर हम इस पर गर्व करें तो दुनिया गर्व करने में कभी हिचकिचाहट नहीं करेगी। भारत ने खुद को योग के साम‌र्थ्य के साथ जोड़ा तो दुनिया अपने आप जुड़ने लग गई। योग आज दुनिया की सबसे पावरफुल यूनिफाइंग फोर्स में से एक बन गया है। विश्व बंधुत्व के भाव और ग्लोबल फ्रैंडशिप को आज योग नई ऊर्जा दे रहा है।

अच्छी सेहत का बड़ा मास मूवमेंट

मोदी ने कहा कि इलनेस से वेलनेस का रास्ता योग ने दिखाया है। इस वजह से विश्वभर में योग की स्वीकार्यता इतनी बढ़ रही है। स्वास्थ्य और अच्छी सेहत के लिए योग दिवस विश्व के सबसे बड़े मास मूवमेंट में से एक बन गया है। अधिक से अधिक लोगों के योग सीखने का अर्थ है कि इसे सिखाने को अधिक लोग चाहिए। बीते तीन सालों में कई लोग योग सिखा रहे हैं। नए संस्थान बने हैं। योग में नित नई तकनीक का प्रयोग हो रहा है। यह प्रवाह बना रहना चाहिए।

योग से जुड़ने का प्रयास जरूर करें

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए सभी का स्वस्थ रहना जरूरी है। इसमें योग की बड़ी भूमिका है। उन्होंने आह्वान किया कि जो योग से जुड़े हैं, वे इसमें निरंतरता लाएं। जो नहीं जुड़े हैं, वे जुड़ने का प्रयास जरूर करें। स्वस्थ और खुशहाल मानवता के लिए योग के बारे में समझ को और विकसित बनाना हमारी जिम्मेदारी हैं। लिहाजा, अपने प्रयासों को तेज करें।

उत्तराखंड के लिए गौरव की बात

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की मेजबानी और इसमें प्रधानमंत्री का सानिध्य मिलना उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस राज्य से लगाव और राज्य को मिली अहम योजनाओं का जिक्र भी किया। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाइक ने योग रूपी विरासत के प्रसार की दिशा में आयुष मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस मौके पर राज्यपाल डॉ.कृष्णकांत पाल, आयुष मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत भी मौजूद थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड में निर्मित गुलाब का तेल भी भेंट किया। कार्यक्रम में सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, अनिल बलूनी, प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत, मदन कौशिक, यशपाल आर्य, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, राज्यमंत्री रेखा आर्य, डॉ.धन सिंह रावत, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि महाराज, भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार आदि मौजूद थे।


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