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International Literacy Day: यहां निरक्षरों को सामूहिक प्रयास से दिया जाएगा अक्षर ज्ञान, अभियान में चुनौतियां भी अपार

International Literacy Day देहरादून के 19 हजार प्रौढ़ व्यक्तियों को अक्षर ज्ञान देने के लिए सामूहिक प्रयास का सहारा लिया जाएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 05:29 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 05:29 PM (IST)
International Literacy Day: यहां निरक्षरों को सामूहिक प्रयास से दिया जाएगा अक्षर ज्ञान, अभियान में चुनौतियां भी अपार
International Literacy Day: यहां निरक्षरों को सामूहिक प्रयास से दिया जाएगा अक्षर ज्ञान, अभियान में चुनौतियां भी अपार

देहरादून, जेएनएन। International Literacy Day अब भी साक्षरता के उजियारे से दूर देहरादून के 19 हजार प्रौढ़ व्यक्तियों को अक्षर ज्ञान देने के लिए सामूहिक प्रयास का सहारा लिया जाएगा। जिला प्रशासन ने बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर अगले वर्ष 26 जनवरी तक संपूर्ण दून को साक्षर बनाने का संकल्प लिया है। इसके लिए बीती पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर प्रशासन ने 'पढ़ो दून-बढ़ो दून, संपूर्ण साक्षर देहरादून मेरी जिम्मेदारी' नाम से एक पोर्टल भी लॉन्च किया था। खास बात यह है कि इस मुहिम में सामाजिक संगठन और अन्य लोग भी योगदान दे सकेंगे।

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कुछ समय पहले प्रशासन ने आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ताओं के सहयोग से साक्षरता को लेकर एक सर्वे कराया था, जिसमें दून में 19 हजार प्रौढ़ व्यक्ति निरक्षर पाए गए। अब प्रशासन ने इनको साक्षर बनाने का जिम्मा उठाया है। इसके तहत निरक्षर व्यक्तियों को चिह्नित कर उन्हें नजदीकी स्कूलों में शिक्षक वर्णमाला का ज्ञान देने के साथ ही हस्ताक्षर करना सिखाएंगे। इस कार्य में प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद ली जाएगी।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 'पढ़ो दून-बढ़ो दून, संपूर्ण साक्षर देहरादून मेरी जिम्मेदारी' पोर्टल से शिक्षा विभाग के साथ ही स्वयंसेवक छात्रों, सेवानिवृत्त शिक्षकों, कर्मचारियों और गृहिणियों को जोड़ा जाएगा। कोई भी इच्छुक व्यक्ति देहरादून स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकता है। पंजीकरण कराने वाले व्यक्ति अपने नजदीक पांच निरक्षर व्यक्तियों को साक्षर बनाने का काम करेंगे।

अभियान में चुनौतियां भी अपार

लंबे समय से सरकारें साक्षरता अभियान चलाती रही हैं। बावजूद इसके एजुकेशन हब कहे जाने वाले देहरादून में हजारों लोग निरक्षर पाए गए। इनमें ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूर हैं। इन्हें स्कूल की चौखट तक लाना आसान नहीं होगा। वहीं, शिक्षण के अलावा विभिन्न सरकारी कार्यों में उलझे रहने वाले शिक्षकों को भी इस मिशन से जोड़ना बड़ी चुनौती होगा।

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जिले में इतने लोग निरक्षर

ब्लॉक,      संख्या

सहसपुर,    5031

विकासनगर, 3840

देहरादून,    3457

रायपुर,     3402

डोईवाला,   1867

कालसी,    937

चकराता,   588 

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