इंटेलीजेंस ने सचिवालय पहुंचकर खंगाली मृत्युंजय मिश्रा की पत्रावलियां
इंटेलीजेंस एजेंसी से जुड़े कर्मचारियों ने सचिवालय पहुंचकर आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा के संबंध में जानकारी जुटाई और दस्तावेज भी लिए।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा का नाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के स्टिंग के प्रयास में आने के बाद उन पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। इस कड़ी में इंटेलीजेंस एजेंसी से जुड़े कर्मचारियों ने सचिवालय पहुंचकर उनके संबंध में जानकारी जुटाई और दस्तावेज भी लिए।
प्रदेश में इस समय मुख्यमंत्री व अपर मुख्य सचिव के स्टिंग के प्रयास का मसला गरमाया हुआ है। इस मामले में एक निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार शर्मा समेत पांच लोगों को आरोपित किया गया है। इनमें एक नाम प्रदेश के चर्चित अधिकारी व आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलसचिव रहे मृत्युंजय मिश्रा का भी है, जिन्हें कुछ दिनों पहले सरकार ने वित्तीय अनियमितताओं के मामले में निलंबित कर चुकी है।
दरअसल, स्टिंग प्रकरण के मामले में रिपोर्ट दर्ज करने वाले आयुष गौड़ ने मृत्युंजय मिश्रा को दिल्ली में अपर स्थानिक आयुक्त के पद पर रहते हुए इस स्टिंग प्रकरण से जोड़ कर आरोपित किया है। इस प्रकरण पर मिश्रा का नाम आने के बाद इंटेलीजेंस एजेसियां भी सक्रिय हुई है। इस कड़ी में इंटेलीजेंस एजेंसी से जुड़े लोगों ने बुधवार को सचिवालय पहुंचकर उनके संबंध में जानकारी हासिल की। सूत्रों की मानें तो इंटेलीजेंस एजेंसियों ने मृत्युंजय मिश्रा की अपर स्थानिक आयुक्त, कुल सचिव आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय व कैडर परिवर्तन संबंधी जानकारी हासिल करने के साथ ही संबंधित दस्तावेज भी देखे। इनमें से कुछ दस्तावेजों की प्रतिलिपि भी य लोग अपने साथ ले गए हैं। इंटेलीजेंस एजेसियों की इस कार्रवाई को लेकर फिलहाल कोई भी अधिकारी अधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
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