पेयजल निगम व जल संस्थान का हो एकीकरण
उत्तराखंड पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ के बैनर तले एकत्रित हुए कर्मचारियों ने पेयजल निगम व जल संस्थान का एकीकरण कर नया विभाग बनाने की मांग की।
जागरण संवाददाता, देहरादून: पेयजल निगम व जल संस्थान का एकीकरण कर नया विभाग बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। सोमवार को उत्तराखंड पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ के बैनर तले एकत्रित हुए सूबे के विभिन्न जनपदों के कर्मचारियों ने परेड ग्राउंड स्थित कार्यालय पर इस मुद्दे को लेकर बैठक की। महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय खाली ने कहा कि उत्तर प्रदेश के समय जल निगम राजकीय विभाग था। विश्व बैंक से अनुदान के लिए तय की गई शर्तो के अनुरूप इसे निगम बना दिया गया। किंतु 1975 सीवर एक्ट में तय किया गया था कि पेयजल निगम कर्मियों को शासकीय कर्मचारियों की भांति सुविधा दी जाएगी। 2005 से पूर्व के कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा भी प्राप्त है। प्रांतीय महामंत्री धर्मेद्र चौधरी ने कहा कि निगम बन जाने के बाद पेंशन खत्म हो गई, उस पर से वेतन आदि बनने में हर महीने विलंब होता है। ऐसे में पेयजल निगम और जल संस्थान का एकीकरण कर शासकीय विभाग बनाया जाना हर दृष्टि से उचित है। संरक्षक प्रवीण सिंह रावत व आरके रोनिवाल ने कहा कि नवंबर व दिसंबर का वेतन और पेंशन न मिल पाने के कारण तमाम कर्मचारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। गौरव बर्तवाल, पंकज मर्तोलिया ने कहा कि अनुरोध पर होने वाले तबादलों पर से रोक हटाई जाए। अन्यथा कर्मचारी आंदोलन करने को विवश होंगे। बैठक को मंडल अध्यक्ष कुमाऊं गोविंद खयानत, जनपद अध्यक्ष नैनीताल दीपक स्वार ने भी संबोधित किया। बैठक में कमल कुमार, हेमंत कुमार नीलम मैखुरी, श्वेता आगरी, नवीन थापा, ललित जोशी, कुशल सिंह राणा, ललित पुरोहित, वीरेंद्र सिंह रावत, विक्रम सिंह रावत, त्रिभुवन सिंह, कुंदन सिंह, गौरव दानी, भगवती प्रसाद, अनिरुद्ध कठैत, डीडी डंगवाल, सुमित पुन्न आदि मौजूद रहे।