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प्रवासियों को लाने से पहले बढ़ानी होगी इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन क्षमता

उत्तराखंड के प्रवासियों को यहा लाने की राह में एक नहीं कई चुनौतिया हैं। सबसे बड़ी चुनौती प्रवासियों को उत्तराखंड में लाकर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखने की है।

By Edited By: Published: Sat, 09 May 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 02:37 PM (IST)
प्रवासियों को लाने से पहले बढ़ानी होगी इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन क्षमता
प्रवासियों को लाने से पहले बढ़ानी होगी इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन क्षमता

देहरादून, जेएनएन। देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे उत्तराखंड के प्रवासियों को यहा लाने की राह में एक नहीं कई चुनौतिया हैं। सबसे बड़ी चुनौती प्रवासियों को उत्तराखंड में लाकर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखने की है। मौजूदा वक्त में 25 से 30 हजार लोगों को ही इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखने की क्षमता है। यदि अगले एक सप्ताह के दौरान यह सभी प्रवासी यहा आते हैं, तो सरकार को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

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तीसरी बार लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से अन्य राज्यों में फंसे लोग अब किसी भी तरह अपने घर लौटना चाहते हैं। इसके लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से जारी की गई वेबसाइट पर अब तक एक लाख 70 हजार से अधिक लोग उत्तराखंड आने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। 

शुरुआत में राज्य सरकार ने इन सभी को लाने के लिए हरी झडी दे दी थी, लेकिन अचानक से इसे बीच में ही रोक दिया गया। तय किया गया कि पहले उन लोगों को लाया जाएगा जो अन्य राज्यों के शेल्टर होम में रह रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन की कम क्षमता भी थी। जिसमें एक बार में 25 से 30 हजार लोगों को ही रखा जा सकता था। 

वहीं, अब प्रदेश में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन की क्षमता बढ़ाने पर तेजी से कार्य आरंभ कर दिया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी जनपदों को निर्देशित किया है कि अपने यहा खाली पड़े होटल, धर्मशाला और ग्राउंड को चिह्नित कर उनके अधिग्रहण की कार्रवाई तेज कर दें, ताकि लोगों के आने से पहले क्वारंटाइन की स्थिति को ठीक कर लिया जाए। 

रेड जोन से आने वाले होंगे इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन 

गैर प्रांतों के रेड जोन से वाले लोगों को ही इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखने पर विचार किया जा रहा है। वहीं, ऑरेंज जोन व ग्रीन जोन से आने वालों के संबंध में स्वास्थ्य परीक्षण के बाद निर्णय लिया जाएगा। यदि किसी में कोरोना के लक्षण दिखेंगे तो उसे अनिवार्य रूप से इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रहना होगा। वही स्वस्थ व्यक्ति को होम क्वारंटाइन में भेजा जाएगा।

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रिधिम अग्रवाल (अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) का कहना है कि प्रदेश में इंस्टीट्यूशनल की क्षमता लगातार बढ़ाई जा रही है। इस बारे में सभी जिलों को शासन की ओर से पत्र भी भेजा गया है।

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