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Dehradun Crime: उचित धाराओं में दर्ज नहीं किया केस, दारोगा निलंबित; जानिए पूरा मामला

उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज न करना दारोगा को भारी पड़ गया है। पुलिस महानिदेशक ने दारोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। डीजीपी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देहरादून हरिद्वार चमोली और ऊधमसिंह नगर के विभिन्न शिकायती प्रकरणों की समीक्षा की।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 02:47 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 02:47 PM (IST)
Dehradun Crime: उचित धाराओं में दर्ज नहीं किया केस, दारोगा निलंबित; जानिए पूरा मामला
Dehradun Crime: उचित धाराओं में दर्ज नहीं किया केस, दारोगा निलंबित।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज न करना पटेलनगर कोतवाली के दारोगा को भारी पड़ गया है। पुलिस महानिदेशक ने दारोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। डीजीपी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देहरादून, हरिद्वार, चमोली और ऊधमसिंह नगर के विभिन्न शिकायती प्रकरणों की समीक्षा की।

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इस दौरान वीसी में संबंधित जनपद प्रभारी, सीओ, जांच अधिकारी, विवेचना अधिकारी व शिकायतकर्ता मौजूद रहे। समीक्षा के दौरान देहरादून जिले के प्रकरण में कौलागढ़ निवासी एक महिला ने आरोप लगाया कि मार्च 2019 में उसके पति ने उसकी पिटाई की। इस संबंध में पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं किया। पुलिस ने हल्की धाराएं लगाई। प्रकरण से संबंधित जांच पत्रावली की समीक्षा के बाद विवेचना अधिकारी को दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, जांच स्तर बढ़ाने के लिए सीओ सदर को चेतावनी दी गई। साथ ही प्रकरण की जांच सक्षम अधिकारी से कराते हुए 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए एसएसपी को निर्देशित किया है। 

ऊधमसिंह नगर जिले के प्रकरण में खड़कपुर निवासी एक महिला ने कारागार सितारगंज के बंदी रक्षकों पर सजायाफ्ता बंदियों के घर की महिलाओं का टेलीफोन नंबर प्राप्त कर उनसे अश्लील बातें करने सहित कई आरोप लगाए थे। इस संबंधी शिकायती प्रार्थनापत्र पुलिस मुख्यालय को प्रेषित किया था। डीजीपी ने जांच पत्रावली की समीक्षा करने के बाद कहा कि प्रार्थना पत्र में आरोप गंभीर प्रवृति के हैं। इसकी कोई जांच नहीं हुई। मात्र समझौते के आधार पर जांच को समाप्त कर दिया गया। उन्होंने सीओ सितारगंज को चेतावनी दी कि प्रकरण की जांच स्तर बढ़ाएं। साथ ही प्रकरण की जांच एसओजी से भी कराने के लिए एसएसपी ऊधमसिंह नगर को निर्देशित किया है।

जिला हरिद्वार के प्रकरण में मंगलौर निवासी एक व्यक्ति ने शिकायती पत्र भेजा कि उनकी नाबालिग पुत्री दो महीने बाद भी बरामद नहीं हो पाई है। डीजीपी ने संबंधित विवेचना को दूसरे थाने के सक्षम विवेचनाधिकारी को स्थानांतरित करते हुए नाबालिग को शीघ्र बरामद करने के लिए एसएसपी हरिद्वार को निर्देशित किया है। इसके अलावा महिला संरक्षण समिति चमोली की ओर से भेजे एक शिकायती प्रार्थना पत्र में मुख्यालय की ओर से जांच करवाई गई। जांच में उस समय के एसओजी प्रभारी की संलिप्तता सामने आने पर डीजीपी ने उक्त उपनिरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसपी चमोली को निर्देशित किया है।

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