दून अस्पताल में संक्रमण बना चुनौती
उत्तराखंड में न केवल संक्रमितों की संख्या बल्कि अब चुनौतिया भी कई गुणा बढ़ गई हैं। चिंताजनक पहलू यह कि स्वास्थ्य कर्मी भी लगातार इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड में न केवल संक्रमितों की संख्या बल्कि अब चुनौतिया भी कई गुणा बढ़ गई हैं। चिंताजनक पहलू यह कि स्वास्थ्य कर्मी भी लगातार इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। राजधानी का प्रमुख सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय भी इससे अछूता नहीं रहा है। इस कोविड-हॉस्पिटल में दो चिकित्सकों समेत आठ स्वास्थ्य कर्मी अब तक संक्रमित हो चुके हैं। मानव संसाधन के मोर्चे पर जूझ रहे अस्पताल के लिए संक्रमण के बढ़ते दोहरी चुनौती की तरह हैं।
प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया। इंदिरा गाधी राष्ट्रीय वन अकादमी के एक प्रशिक्षु आइएफएस में कोरोना की पुष्टि हुई। यह न केवल प्रदेश में पहला मामला था बल्कि दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती पहला कोरोना संक्रमित मरीज भी। इसके बाद हर अंतराल पर मामले आते रहे। पर अच्छी बात यह रही कि मरीज एक-एक कर ठीक होते गए और स्टाफ भी संक्रमण से बचा रहा। पर अब जबकि मरीजों का दबाव निरंतर बढ़ रहा है, स्टाफ में बढ़ते संक्रमण के मामलों ने अस्पताल प्रशासन को भी चिंता में डाल दिया है। क्योंकि एक तरफ अधिकारी मरीजों की बढ़ती तादाद के मुताबिक नर्स, वार्ड ब्वॉय आदि का इंतजाम करने में जुटे हैं, तो दूसरी तरफ संक्रमण स्टाफ को अपनी जद में ले रहा है। कुछ दिन पहले आइसीयू में तैनात एक चिकित्सक की कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद महिला अस्पताल की नìसग स्टॉफ एवं महिला गार्ड और गुरुवार को एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर एवं एक आइसीयू की सिस्टर को कोरोना हुआ। शुक्रवार को आइसीयू एवं अन्य वार्डो में ड्यूटी कर रहे तीन नìसग स्टॉफ को कोरोना संक्रमण पाया गया है। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि इंफेक्शन कंट्रोल में टीम लगी है। जो भी नए दिशा निर्देश आते हैं, उनके अनुसार चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। बचाव के लिए अतिरिक्त सर्तकता बरतने के लिए सभी को निर्देशित किया है।