Move to Jagran APP

India China Border Dispute: बढ़ते तनाव को देख उत्तराखंड में भी सेना और आइटीबीपी की टुकड़ियां सतर्क

भारत-चीन के साथ ही तिब्बत और नेपाल से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष अलर्ट है। चीन से सटी उत्तराखंड की सीमा पर सेना की मूवमेंट बढ़ाई गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 08:31 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 10:10 PM (IST)
India China Border Dispute: बढ़ते तनाव को देख उत्तराखंड में भी सेना और आइटीबीपी की टुकड़ियां सतर्क
India China Border Dispute: बढ़ते तनाव को देख उत्तराखंड में भी सेना और आइटीबीपी की टुकड़ियां सतर्क

देहरादून, जेएनएन। भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए उत्तराखंड में भी खासी सतर्कता बरती जा रही है। भारत-चीन के साथ ही तिब्बत और नेपाल से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष अलर्ट है। चीन से सटी उत्तराखंड की सीमा पर सेना की मूवमेंट बढ़ाई गई है। वहीं, आसपास के क्षेत्रों में रहने वाली सैन्य टुकड़ियों को भी तत्पर रहने के लिए कहा गया है। हालांकि, आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि कोई नहीं कर रहा है कि सेना और कमान मुख्यालय से क्या दिशा-निर्देश इन्हें दिए गए हैं। 

loksabha election banner

सैन्य सूत्रों के मुताबिक पीस एरिया में रहने वाली सैन्य टुकड़ियों को रिजर्व फोर्स के रूप में तैयार रहने को कहा गया है। उच्च स्तर से दिशा-निर्देश मिलने पर इन्हें आपात स्थिति में किसी भी स्थान पर तैनात किया जा सकता है। एक दिन पहले लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद सीमा पर जहां तनाव की स्थिति है, वहीं लोगों में चीन के प्रति भारी आक्रोश है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य स्तर पर उच्च स्तरीय वार्ता के बीच चीन के इस तरह के विश्वासघात से हर कोई हतप्रभ भी है। एलएसी पर हुए इस घटनाक्रम के बाद चीन से सटी उत्तराखंड की सीमा पर भी चौकसी बढ़ाई गई है। 

बताया जा रहा है कि अग्रिम पोस्ट के लिए अधिक संख्या में सैनिकों की मूवमेंट कराई जा रही है। इससे माणा पास, बाड़ाहोती, नीलांग घाटी और लिपूलेख क्षेत्र में हलचल बढ़ी है। वहीं, भारत-तिब्बत सीमा पर तैनात आइटीबीपी ने भी पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। रक्षा मामलों के जानकार भी मानते हैं कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद सरहद पर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। पर मौजूदा समय में कोई भी देश जंग नहीं करना चाहेगा। बेहतर यही है कि बातचीत से सीमा विवाद के मसले को सुलझाया जाए। फिर भी अगर दो देशों के बीच आपसी रिश्ते बिगड़ते हैं और तनाव बढ़ता है तो ऐसे में सीमा पर विशेष सतर्कता बरतना नितांत आवश्यक है। 

345 किमी लंबी सीमा चीन से सटी 

उत्तराखंड की 345 किमी लंबी सीमा चीन से सटी हुई है। चमोली जिले में नीती से आगे बाड़ाहोती और बदरीनाथ से आगे माणा पास चीन से सटा क्षेत्र है। यहां पर सेना (गढ़वाल स्काउट) के साथ ही भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल भी तैनात है। वहीं, उत्तरकाशी में हर्षिल से आगे नीलांग घाटी भी चीन से सटा क्षेत्र है। यहां भी सेना और आइटीबीपी की टुकड़ियां अग्रिम पोस्ट और चौकियों पर तैनात हैं।

यह भी पढ़ें: India China LAC Border News: उत्तराखंड में चीन सीमाओं पर सेना और आइटीबीपी अलर्ट, आमजनों की आवाजाही प्रतिबंधित

उधर, पिथौरागढ़ में भी गुंजी और लिपूलेख का करीब पचास किमी क्षेत्र भी चीन से सटा हुआ है, जिनकी सुरक्षा का दारोमदार सेना और आइटीबीपी के जिम्मे है। बाराहोती और माणा पास क्षेत्र में भी चीनी सेना पूर्व में कई मर्तबा घुसपैठ कर चुकी है। चीनी सेना के जवान बॉर्डर तक मोटर साइकिल से पेट्रोलिंग करते हैं। चीन सेना के हेलीकाप्टर भी सीमा पर मंडराते हुए अक्सर देखे जाते हैं।

यह भी पढ़ें: India China Border Dispute: चीन के खिलाफ उत्तराखंड में उबाल, सीएम रावत बोले- धोखे से किया गया जवानों पर हमला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.