आर्थिक तंगहाली से परेशान व्यापारियों का बढ़ा इंतजार, जानिए क्या है इनका कहना
प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर मंद पड़ रही है। यकीनन इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना कर्फ्यू है।कर्फ्यू के रूप में लागू किए गए प्रतिबंध संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाने में मददगार साबित हुए हैं। इसी को देखते हुए कर्फ्यू की अवधि आठ जून तक बढ़ा दी गई है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर मंद पड़ रही है। यकीनन इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना कर्फ्यू है।कर्फ्यू के रूप में लागू किए गए प्रतिबंध संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाने में मददगार साबित हुए हैं। इसी को देखते हुए कर्फ्यू की अवधि आठ जून तक बढ़ा दी गई है। लोग इसको सही भी ठहरा रहे हैं, लेकिन तंगहाली से जूझ रहे छोटे व्यापारी सरकार के इस निर्णय से निराश हैं। व्यापारियों का कहना है कि एक माह से उनके प्रतिष्ठान बंद हैं। ऐसे में दुकान का किराया, कर्मचारियों की पगार, बैंक से लिए गए ऋण की किस्त, बिजली बिल के भुगतान के साथ ही परिवार के भरण-पोषण के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।
दून वैली महानगर व्यापार उद्योग मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोन ने बताया कि लगभग 70 फीसद व्यापारी प्रतिदिन व्यापार पर आधारित आमदनी से गुजारा करते हैं। व्यापार पूरी तरह ठप होने से ऐसे व्यापारियों के परिवार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। खासकर बार्बर, चाय, रेहड़ी-ठेली पर खाने की सामग्री, फूल की बिक्री करने वालों समेत अन्य छोटे व्यापारियों पर कफ्र्यू का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष नवीन वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है, उससे उम्मीद थी कि सरकार एक जून से कुछ व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सीमित समय के लिए खोलने की अनुमति देगी।
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अब इसके लिए एक सप्ताह और इंतजार करना होगा। दून बैटरी डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव कपूर और सचिव रजत ओबराय ने कहा कि बैटरी से जुड़े व्यापारी प्रतिदिन होने वाली आमदनी से गुजारा करते हैं। एक माह से दुकानें बंद होने से उनके परिवार गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक जून व पांच जून को केवल परचून की दुकानें खोलने से सभी व्यापारियों का भला नहीं होगा। सरकार को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के साथ व्यापारियों और गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति की चिंता भी करनी होगी।
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