Move to Jagran APP

भाजपा नेता अनिल गोयल के ठिकानों पर आयकर ने मारा छापा

भाजपा नेता अनिल गोयल के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा है। छापे की कार्रवाई देहरादून, रुड़की, यमुना नगर व दिल्ली के 13 ठिकानों पर की गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 06:11 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 09:35 PM (IST)
भाजपा नेता अनिल गोयल के ठिकानों पर आयकर ने मारा छापा
भाजपा नेता अनिल गोयल के ठिकानों पर आयकर ने मारा छापा

देहरादून, जेएनएन। भाजपा नेता अनिल गोयल के प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग ने शुक्रवार को छापेमारी की। देर रात तक चली कार्रवाई में आयकर विभाग के अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर आय-व्यय के रिकॉर्ड कब्जे में लिए। भाजपा नेता के देहरादून, हरिद्वार जिले में रुड़की, हरियाणा के यमुना नगर व दिल्ली के आवासीय, व्यापारिक व शैक्षणिक समेत 13 प्रतिष्ठानों के साथ ही इनसे जुड़े दो पदाधिकारियों के लोगों के आवास व अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई।

loksabha election banner

सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग के प्रधान निदेशक अमरेंद्र कुमार के निर्देश पर तीन दर्जन से ज्यादा अधिकारियों की टीम ने एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई देहरादून स्थित अनिल गोयल परिवार के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय वाली गली स्थित आवास, गांधी रोड पर क्वॉलिटी हार्डवेयर, राजपुर रोड स्थित उमंग साड़ीज, एलेक्सिया पैनल, रुड़की स्थित क्वांटम यूनिवर्सिटी, पंजाब प्लाईवुड इंडस्ट्रीज (यमुना नगर) पर की गई।

इसमें अनिल गोयल के भाई सुनील गोयल के ठिकाने भी शामिल हैं। इसके अलावा क्वांटम यूनिवर्सिटी से जुड़े एलएमडी एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी नरेश गर्ग व शशि गर्ग के ठिकानों पर भी आयकर अधिकारियों ने तमाम दस्तावेज खंगाले। इसके अलावा गोयल परिवार के दिल्ली स्थित कुछ ठिकानों पर भी छापा मारा गया। आयकर विभाग के प्रधान निदेशक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि जो दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं, उनकी पड़ताल की जा रही है। शनिवार तक ही कुछ स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

चार आरोपों के आधार पर की गई कार्रवाई

  • पहला आरोप है कि उन्होंने प्रतिष्ठानों में हुई असल बिक्री के बड़े हिस्से को छिपाया है।
  • दूसरा आरोप कुछ ऐसी प्राप्तियां को लेकर है, जिन्हें आयकर रिटर्न में दर्शाया नहीं गया।
  • तीसरा आरोप है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) से संबंधित उन पेनी स्टॉक से है, जिसमें बेहद कम दर पर अधिक शेयर खरीदे गए और उसे अधिक दर पर बेचकर जुटाई गई राशि को उचित ढंग से नहीं दर्शाया गया।
  • चौथा आरोप ऐसे अन्य निवेश से है, जिसे आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया गया।

यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाले में कई प्रशासनिक अफसर भी राडार पर

यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाला मामले की जांच एसआईटी चीफ के मंजूनाथ ही करेंगे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.