2000 सरकारी खातों पर आयकर विभाग की टेढ़ी नजर
आयकर की टीडीएस विंग ने सरकारी महकमों के लेन-देन से जुड़े करीब 2000 खातों की सूची तैयार की है, जो टीडीएस को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं ।
देहरादून, [सुमन सेमवाल]: आयकर विभाग टीडीएस पर सात-आठ साल से कुंडली मारे बैठे सरकारी कार्यालयों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। आयकर की टीडीएस विंग ने सरकारी महकमों के लेन-देन से जुड़े करीब 2000 खातों की सूची तैयार की है, जो टीडीएस को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं और इन पर 3000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।
प्रथम चरण में करीब 60 करोड़ रुपये के बड़े डिफॉल्टर डेढ़ दर्जन से अधिक कार्यालयों के भुगतान पर रोक लगाने के बाद अधिकारी अब सरकारी विभागों के ही 2000 से अधिक खातों पर कार्रवाई करने जा रहे हैं। इन महकमों के भुगतान कोषागार के माध्यम से रोकने या या इनके बैंक खाते अटैच करने के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
अपर आयकर आयुक्त (टीडीएस) सुमाना सेन के मुताबिक जिन कार्यालयों के भुगतान पर कोषागार के माध्यम से रोक लगाई गई या उनके खाते अटैच किए गए, उससे पहले संबंधित कार्यालयों को दो-तीन बार नोटिस भी जारी किए गए।
इसके बाद भी टीडीएस की डिमांड पूरी न करने पर ही इस तरह की कार्रवाई को बाध्य होना पड़ा है। अगले चरण की कार्रवाई की बात करें तो आयकर अधिकारी (टीडीएस) कार्यालय देहरादून के दायरे में ही करीब 480 करोड़ रुपये के टीडीएस डिफॉल्टर हैं।
अपर आयुक्त सुमाना सेन ने कहा कि भुगतान पर रोक लगाना या खाते अटैच करना अंतिम विकल्प होता है, क्योंकि इससे संबंधित कार्यालय की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और कार्मिकों के वेतन पर भी संकट पैदा हो जाता है। यह बात संबंधित संस्थानों के जिम्मेदार अधिकारियों को भी समझ आए, इसीलिए ही यह कदम उठाना पड़ रहा है।
भुगतान रुकते ही अफसरों में हलचल
कुछ टीडीएस डिफॉल्टर कार्यालयों का भुगतान कोषागार के माध्यम रुक जाने के बाद अब अधिकारी आयकर विभाग पहुंचने लगे हैं। आयकर अधिकारी (टीडीएस) देहरादून कार्यालय के अनुसार अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग खंड, डोईवाला कार्यालय ने 19 लाख रुपये बकाया की अधिकांश राशि जमा करा दी है। अब इस कार्यालय पर महज 96 हजार रुपये ही बकाया है।
इसी तरह उप शिक्षाधिकारी रायपुर कार्यालय ने 30 लाख रुपये के टीडीएस बकाए पर उप शिक्षाधिकारी मोनिका बम ने शपथ पत्र दिया है कि जल्द ही बकाये का भुगतान कर दिया जाएगा या इस संबंध में वाजिब जवाब दाखिल किया जाएगा।
इसी तरह टनल एंड पावर डिविजन कार्यालय यमुना कॉलोनी ने 30 लाख रुपये की बकाया राशि पर दो माह का समय मांगा है। इसके अलावा सावित्री शिक्षा निकेतन जूनियर हाईस्कूल हर्रावाला ने करीब तीन लाख रुपये के टीडीएस पर दो लाख रुपये जमा करा दिए हैं। इस पर आयकर विभाग ने इन संस्थानों/कार्यालयों के भुगतान पर से रोक हटाने के निर्देश भी जारी कर दिए।
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