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चुनाव आचार संहिता से पहले लोकार्पण की जल्दबाजी में छूट गए कई काम

आम चुनाव की आचार संहिता से पहले रेलवे ओवर ब्रिज का उद्घाटन तो करा दिया गया मगर जल्दबाजी में कई काम अभी भी पूरे होने बाकी हैं।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 08:38 AM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 08:38 AM (IST)
चुनाव आचार संहिता से पहले लोकार्पण की जल्दबाजी में छूट गए कई काम
चुनाव आचार संहिता से पहले लोकार्पण की जल्दबाजी में छूट गए कई काम

देहरादून, जेएनएन। आम चुनाव की आचार संहिता से पहले रेलवे ओवर ब्रिज का उद्घाटन तो करा दिया गया, मगर जल्दबाजी में कई काम अभी भी पूरे होने बाकी हैं। अभी तक आरओबी पर स्ट्रीट लाइट के पोल नहीं लग पाए हैं। वहीं, रिस्पना पुल से आइएसबीटी की तरफ जाते हुए दायीं तरफ सर्विस रोड का काम भी होना शेष है।

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गत दिवस सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार बाईपास रोड पर रेलवे ओवर ब्रिज का लोकार्पण किया था। चुनाव आचार संहिता लगने से पहले इसका लोकार्पण करने की जल्दी में अभी भी ब्रिज के कई काम अधूरे हैं। 

राष्ट्रीय राजमार्ग खंड, डोईवाला के सहायक अभियंता प्रवीण सक्सेना ने बताया कि अनुबंध में पथ प्रकाश के लिए 33 खंभों की स्वीकृति मिली है, जबकि यहां पर 64 खंभों की जरूरत है। हालांकि, इन्हें लगाने का काम शुरू कर दिया गया है और शेष खंभों की स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। 

इस प्रस्ताव में आरओबी के नीचे बीच वाले खाली स्थान पर टाइल्स लगाई जानी हैं। इन कार्यों के लिए केंद्र से 2.41 करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है। उम्मीद है कि जल्द इस पर स्वीकृति मिल जाएगी। साथ ही सहायक अभियंता सक्सेना ने बताया कि आरओबी के ऊपर वाहनों का संचालन शुरू हो जाने के बाद अब सर्विस रोड के निर्माण में तेजी आ जाएगी। 

मोहकमपुर आरओबी जल्द होगा रोशन 

मोकहमपुर में आरओबी का उद्घाटन अक्टूबर माह में कर दिया गया था, जबकि इसके 33 खंभों पर बिजली आज तक नहीं जल पाई है। उद्घाटन वाले दिन जनरेटर से बिजली चालू की गई थी। इसके बाद से ये खंभे शोपीस बनकर खड़े हैं। 

कनेक्शन को लेकर लंबे समय तक राजमार्ग अधिकारी नगर निगम पर बला टालते रहे, जबकि नगर निगम ने इसे राजमार्ग का मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया। राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता ओपी सिंह बताते हैं कि बिजली के कनेक्शन के लिए ऊर्जा निगम में आवेदन कर दिया गया है। यानी कि जल्द खंभों में बिजली जगमगाने लगेगी, मगर अभी भी यह तय नहीं हो पाया है कि इसके बाद बिजली का बिल कौन भरेगा। वहीं, दूसरी तरफ इस आरओबी में भी 64 खंभे लगाए जाने है और इसके बजट को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है। 

वाहनों के टकराव की आशंका

रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के निर्माण के बाद हरिद्वार-देहरादून रोड पर लोगों की राह जरूर आसान हो गई है, मगर साथ ही यहां पर दुर्घटना का नया खतरा भी पैदा हो गया है। 

रिस्पना पुल की तरफ से आते हुए दायीं तरफ की एप्रोच रोड के मुहाने पर अजबपुर की तरफ वाली सड़क भी जुड़ रही है। गंभीर यह कि यहां पर सड़क के कट को भी बंद नहीं किया गया है। ऐसे में आरओबी से नीचे उतर रहे वाहन अपनी रफ्तार में आएंगे और दूसरी तरफ इससे अनजान अबजपुर की तरफ से आने वाले वाहन भी बिना कट के सड़क पार कर सकते हैं। जिससे इस स्थल पर वाहनों की टक्कर होने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि यहां पर स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं। 

कट खुला होने से आरओबी के शुरुआत में ही एक अघोषित जंक्शन सा बन गया है और किसी भी दिशा के वाहन यहां पर से आरपार हो सकते हैं। इसी के चलते यहां पर कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। 

राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता ओपी सिंह ने बताया कि विधानसभा सत्र के दौरान अजबपुर की तरफ वाहनों का रुख मोड़ दिया जाता है। ऐसे में पुलिस ने इस कट को बंद करने के लिए मना कर दिया। यदि यहां पर दुर्घटना की आशंका बनी तो कट को बंद करने पर निर्णय लिया जाएगा। 

ताकि न तो इसका प्रयाग रिस्पना पुल की तरफ से आने, न आरओबी से उतरने वाले या अजबपुर की तरफ से आने वाले वाहन इस स्थल पर सड़क को पार कर सकें।

ईपीआइ संभालेगी भंडारीबाग आरओबी की जिम्मेदारी

शहर की महत्वकांक्षी भंडारीबाग-रेस्टकैंप आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) पर भी सरकार ने काम शुरू कर दिया है। इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की मिनी रत्न कंपनी ईपीआइ (इंजीनियङ्क्षरग प्रोजेक्ट इंडिया) को सौंपने की तैयारी कर दी गई है। इसके लिए शासन स्तर पर एमओयू होना बाकी है। विभाग के एचओडी आरसी पुरोहित का कहना है कि कंपनी के पास पुराने प्रोजेक्ट के भी 10 करोड़ शेष हैं। ऐसे में कंपनी को काम दिया जाना लगभग तय है। 

राजधानी के कोर जोन से जाम से निजात दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग 2008 से भंडारीबाग से रेस्ट कैंप रेसकोर्स तक अंडरपास की योजना पर काम कर रहा है। बीच में रेलवे लाइन आने से इस प्रोजेक्ट पर हर बार अड़ंगा लग रहा है। रेलवे की ना-नुकुर के बाद लोनिवि ने बीच का रास्ता निकालते हुए आरओबी बनाने का निर्णय लिया गया। मगर, पिछले डेढ़ साल से यह प्रस्ताव रेलवे में सहमति के इंतजार में है। 

अजबपुर आरओबी बनने के बाद अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भंडारीबाग से रेसकोर्स के बीच आरओबी पर जल्द काम शुरू करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम के लिए जल्द केंद्र सरकार की निर्माण संस्था ईपीआइ के साथ करार होगा। 

इससे भंडारीबाग आरओबी बनने की राह आसान होती नजर आ रही है। लोनिवि के एचओडी पुरोहित कहते हैं कि ईपीआइ के पास सरकार के पुराने प्रोजेक्ट के पहले से 10 करोड़ बचे हुए हैं। शेष बजट सरकार कंपनी को देगा। इसके बाद कंपनी को ईपीसी मोड पर यह काम दिया जा सकता है। लोनिवि ने भी इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। अब निर्णय सरकार के स्तर पर होना है। 

आरओबी से ये मिलेगा लाभ 

भंडारीबाग आरओबी बनने से प्रिंस चौक से सहारनपुर रोड, हरिद्वार रोड, गांधी रोड, कांवली रोड पर वाहनों का दबाव कम होगा। भंडारीबाग से लोग सीधे धर्मपुर के लिए रेसकोर्स होते हुए और आइएसबीटी या पटेलनगर के लिए रेस्ट कैंप से भंडारीबाग, देहराखास आदि के लिए आवाजाही कर सकेंगे। इससे लोगों को दोगुनी दूरी तय करने और जाम में फंसने से भी निजात मिलेगी।

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