देश में महिला पुलिस के मामले में उत्तराखंड तीसरे नंबर पर
उत्तराखंड पुलिस की मुख्यधारा में शामिल हुर्इं 909 महिला सिपाहियों की तैनाती के आदेश दिए गए हैं। हर जिले में चार-चार महिला सिपाहियों की तैनाती की जाएगी।
देहरादून, [जेएनएन]: पासिंग आउट परेड के बाद पुलिस विभाग ने 909 महिला सिपाहियों की जिले में तैनाती के आदेश जारी कर दिए हैं। संख्या बल के हिसाब से अब हर थाना-चौकी में चार-चार महिला सिपाही तैनात रहेंगी।
उत्तराखंड में 19 से 24 अगस्त तक हुई पासिंग आउट परेड के बाद 909 महिला सिपाही उत्तराखंड पुलिस में शामिल हो गई हैं। करीब 1000 पदों पर महिला सिपाहियों की भर्ती हुई थी। दून, हरिद्वार, टिहरी और ऊधमसिंहनगर के छह कैंपों में महिला सिपाही ट्रेनिंग ले रही थीं। मेडिकल में अनफिट और नौकरी छोड़ने के बाद हुर्इ पासिंग आउट परेड में 909 महिला सिपाही पुलिस की मुख्यधारा में शामिल हो गर्इ हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि हर थाना-चौकी में अब चार से ज्यादा महिला सिपाही चौबीस घंटे ड्यूटी दे सकती हैं। उन्होंने बताया कि देश में सात प्रतिशत महिलाएं पुलिस में शमिल हैं। जिसके सापेक्ष उत्तराखंड में करीब 11.04 प्रतिशत महिलाएं पुलिस में सेवा दे रही हैं। इस मामले में उत्तराखंड देश में तीसरे स्थान पर है। नई महिला सिपाहियों को कानून के हर पहलू की ट्रेनिंग के अलावा साइबर, महिला और बच्चों से जुड़े अपराधों के बारे में भी प्रशिक्षित किया गया है। ताकि यह इन अपराधों पर सख्ती से कार्रवाई कर सके।
जहां जिसने मांगी, वहीं मिली पोस्टिंग
आइजी कार्मिक जीएस मार्तोलिया ने बताया कि महिला सिपाहियों की तैनाती से पहले उनसे तीन च्वाइस मांगी गई थीं। अधिकांश सिपाहियों को उनकी प्रथम च्वाइस के आधार पर ही तैनाती दी गई। बड़े जिलों में दूसरी और तीसरे च्वाइस से तैनाती मिली है। दून में च्वाइस देने वालों को हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में च्वाइस देने वालों को नैनीताल भेजा गया है। छह माह की फील्ड ट्रेनिंग के बाद संबंधित जिलों के एसएसपी इन सिपाहियों को थाना और चौकीवार तैनाती देंगे। आइजी ने बताया कि राज्य में महिला सिपाहियों की कमी अब पूरी तरह से दूर हो गई है। कानून व्यवस्था में महिला सिपाहियों की अहम जिम्मेदारी होगी।
54 महिला दारोगा नवंबर में
पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज नरेंद्रनगर में प्रशिक्षण ले रहीं 124 महिला दारोगा भी जल्द राज्य पुलिस में शामिल होंगी। कोर्ट में मामले के चलते इन दारोगाओं को अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें 54 दारोगा नवंबर में और अन्य मई में पास आउट होंगी। राज्य में महिला दारोगाओं की भारी कमी है। नवंबर के बाद यह कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी। इससे महिला अपराधों से जुड़े मामलों की जांच तेजी से हो सकेगी।
जिलेवार इस तरह मिली तैनाती
ऊधमसिंहनगर 163 120
हरिद्वार 190 111
देहरादून 168 110
अल्मोड़ा 61 60
बागेश्वर 26 25
पिथौरागढ़ 48 75
चंपावत 26 35
नैनीताल 94 74
चमोली 39 45
रुद्रप्रयाग 23 50
पौड़ी 68 64
उत्तराकाशी 33 55
टिहरी 61 85
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