उत्तराखंड में आए दिन फुंक रहे आइएमपी के ट्रांसफार्मर, 29 की होगी जांच
आइएमपी कंपनी के ट्रांसफार्मर फुंकने की घटनाएं सामने आने पर घिरे पिटकुल प्रबंधन ने आइएमपी कंपनी के प्रदेशभर में लगे सभी 29 ट्रांसफार्मर की जांच कराने का निर्णय लिया है।
देहरादून, जेएनएन। आए दिन आइएमपी कंपनी के ट्रांसफार्मर फुंकने की घटनाएं सामने आने पर घिरे पिटकुल प्रबंधन ने आइएमपी कंपनी के प्रदेशभर में लगे सभी 29 ट्रांसफार्मर की जांच कराने का निर्णय लिया है। जांच का जिम्मा उत्तराखंड पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन को सौंपा गया है। ट्रांसफार्मर की जांच चरणवार होगी। पहले चरण में छह ट्रांसफार्मर चिह्नित किए गए हैं। इसमें ट्रांसफार्मर की क्षमता और फॉल्ट आने के कारणों का पता लगाया जाएगा। जांच रिपोर्ट सचिव ऊर्जा को सौंपी जाएगी।
आइएमपी के ट्रांसफार्मर को लेकर अब पिटकुल भी असहज स्थिति में नजर आने लगा है। हो भी क्यों न, झाझरा स्थित 80 एमवीए ट्रांसफार्मर फुंकने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बीते शनिवार को एक बार फिर झाझरा में 160 एमवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर फुंक गया। हैरानी की बात यह है कि ये ट्रांसफार्मर भी आइएमपी कंपनी का ही निकला। 160 एमवीए की क्षमता, 120 में दिया जवाब
ताज्जुब की बात है कि आइएमपी कंपनी का ट्रांसफार्मर ओवर लोड तो छोड़ो, क्षमता से कम लोड भी सहन नहीं कर पा रहा है। पिटकुल के अधिकारियों के अनुसार, शनिवार रात झाझरा स्थित 160 एमवीए ट्रांसफार्मर जब फुंका तो उसमें करीब 120 एमवीए का लोड था। इससे ट्रांसफार्मर की क्षमता पर एक बार फिर सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं। ट्रिप का हवाला दे रहा पिटकुल पिटकुल प्रबंधन का कहना है कि शनिवार और रविवार रात जो ट्रांसफार्मर में घटनाएं हुई, उसमें ट्रिप हुआ था न कि फुंके हैं। हालांकि, अधिकारी इस समस्या का समाधान खोजने को भी गंभीर हैं।
पिटकुल के एमडी संदीप सिंघल का कहना है कि आइएमपी कंपनी के ट्रांसफार्मर में लगातार समस्याएं आ रही हैं। इसलिए प्रदेश के सभी 29 ट्रांसफार्मरों की जांच कराई जा रही है। पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन को जांच सौंपी है।
बिजली व्यवस्था पर सचिव राधिका झा नाराज
पिटकुल और यूपीसीएल की तमाम खामियों के कारण आए दिन राजधानी में छा रहे बिजली संकट को लेकर सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कड़ी नाराजगी जताई है। राधिका झा ने साफ कहा कि शहर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पारेषण और आपूर्ति व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। वहीं, सचिव ऊर्जा ने दो ट्रांसफार्मर खराब होने के मामले में जांच कमेटी भी गठित कर दी है।
सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि समय-समय पर बिजली आपूर्ति में बाधा से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जनता को उनके हाल में छोड़ा नहीं जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से ट्रांसफार्मर में हो रहे फॉल्ट की घटनाओं पर लगाम लगाने के साथ ही कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत भी दी। उन्होंने शनिवार रात झाझरा में स्थापित 160 एमवीए ट्रांसफार्मर और रविवार रात 40 एमवीए ट्रांसफार्मर खराब होने की घटनाओं की जांच के लिए तीनों निगमों के प्रबंध निदेशक समेत चार सदस्यीय कमेटी गठित की।
इसमें पिटकुल के एमडी संदीप सिंघल, यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा, यूजेवीएनएल के एमडी एसएन वर्मा और यूपीसीएल के निदेशक परिचालन अतुल कुमार अग्रवाल शामिल हैं।
मौके पर नहीं पहुंचे अधिकारी तो कार्रवाई
उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि यदि किसी भी उपकेंद्र में 20 मिनट से अधिक समय तक समस्या बनी रहती है तो संबंधित मुख्य अभियंता को मौके पर अनिवार्य रूप से पहुंचना होगा। यदि कोई अधिकारी इसमें कोताही बरतता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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