नेपाल मैत्री बस सेवा में अवैध वसूली, यात्रियों ने किया हंगामा
देहरादून से महेंद्रनगर के लिए संचालित हो रही नेपाल की बस में यात्रियों से अवैध वसूली की गई। जिसपर जमकर हंगामा हुआ।
देहरादून, जेएनएन। नेपाल-भारत मैत्री बस सेवा के तहत देहरादून से महेंद्रनगर (नेपाल) के लिए संचालित हो रही नेपाल की बस में यात्रियों से जमकर अवैध वसूली का मामला सामने आया है। नेपाल के महाकाली ट्रांसपोर्टर की अनुबंध पर संचालित वातानुकूलित बस में यात्रियों से सामान के लिए अलग से 200 से 300 रुपये लिए जा रहे थे। इस पर यात्रियों ने आइएसबीटी पर जमकर हंगामा किया और उत्तराखंड रोडवेज के अधिकारियों को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। इसके साथ ही अधिकारियों ने परिचालक से सामान के लिए वसूले गए रुपये भी वापस कराए।
चार माह पहले भारत-नेपाल में बसों के संचालन को लेकर समझौता हुआ था। इस समझौते में उत्तराखंड के देहरादून से वाया हरिद्वार, नेपाल के महेंद्रनगर लिए प्रतिदिन चार वातानुकूलित बसों के लिए मंजूरी दी गई। नेपाल ने प्रतिदिन एक बस संचालित कर दी, लेकिन उत्तराखंड एक भी बस का संचालन नहीं करा सका। मौजूदा समय में नेपाल से आने वाली अनुबंधित बस रोज सुबह पांच बजे देहरादून आती है और शाम छह बजे यहां से रवाना होती है। इसी क्रम में शुक्रवार को यहां से जाने वाली बस के यात्रियों ने शाम करीब साढ़े पांच बजे दून आइएसबीटी पर हंगामा कर दिया।
यात्रियों ने बताया कि परिचालक, टिकट काटने के बाद सामान के लिए अलग से रकम मांग रहा है। उसने करीब डेढ़ दर्जन यात्रियों से 200 से 300 रुपये की अवैध वसूली भी कर ली थी। यात्रियों ने उत्तराखंड रोडवेज के काउंटर पर शिकायत की। जिसके बाद वहां डयूटी पर तैनात राजेंद्र कुमार, केपी सिंह व हरेंद्र सिंह तत्काल प्लेटफार्म पर पहुंचे और आरोपी परिचालक को पकड़ लिया। दबाव बनाने पर उसने यात्रियों के रुपये लौटा दिए। मामले में आइएसबीटी पर दर्ज की गई शिकायत परिवहन निगम मुख्यालय भेज दी गई है। वहां से भारत सरकार और नेपाल सरकार को पत्र भेजकर यात्रियों से हुई अवैध वसूली की जानकारी दी जाएगी।
टनकपुर में धूल खा रहे परमिट
नेपाल भारत मैत्री बस सेवा के अंतर्गत उत्तराखंड परिवहन को दो माह पहले ही दो बसों के परमिट नेपाल सरकार की ओर से मिल चुके हैं। ये परमिट टनकपुर डिपो को दे दिए गए, जबकि टनकपुर में मौजूदा समय में नेपाल तो दूर, उत्तराखंड या अन्य शहरों के लिए भी कोई डीलक्स बस नहीं चल रही। परमिट मिलने से पहले रोडवेज तर्क दे रहा था कि परमिट मिलते ही तुरंत बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। अब सवाल ये है कि दो माह पूर्व परमिट मिलने के बावजूद अब तक बसों को क्यों नहीं चलाया गया।
उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि मामले में केंद्रीय परिवहन मंत्रलय और नेपाल सरकार को पत्र भेजा जाएगा। यात्री किसी भी बस में जाएं उनसे अवैध वसूली गैर-कानूनी है। उत्तराखंड परिवहन निगम भी परमिट मिल चुके हैं और जल्द अपनी बसें नेपाल के लिए शुरू की जाएंगी।
यह भी पढ़ें: देवरानी और जेठानी के बीच मारपीट, इस बात पर हुआ विवाद
यह भी पढ़ें: रईसजादों की दबंंगई, शोरूम मालिक को लात-घूंसों से पीटा