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ऑडिट रिपोर्टः दवा-सामान खरीद में नियमों की धज्जियां

उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की खरीद में भारी वित्तीय गड़बड़ी सामने आई हैं। ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 20 Jan 2018 08:42 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jan 2018 11:09 PM (IST)
ऑडिट रिपोर्टः दवा-सामान खरीद में नियमों की धज्जियां
ऑडिट रिपोर्टः दवा-सामान खरीद में नियमों की धज्जियां

देहरादून, [रविंद्र बड़थ्वाल]: राज्य में नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारियों और लोहाघाट, भीमताल और टनकपुर के प्रभागीय चिकित्साधिकारियों ने दवाइयों की खरीद, उपकरण व अन्य सामान की खरीद में सरकारी धन, विभागीय नियमों और प्रोक्योरमेंट नियमावली की जमकर धज्जियां उड़ाईं। 

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इसमें करीब तीन करोड़ की वित्तीय अनियमितता का खुलासा ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) नैनीताल ने दवा खरीद नीति को ताक पर रख पैथोलोजिकल परीक्षण कराए बगैर ही 18.31 लाख रुपये की दवाइयों की खरीद कर डाली। 

वहीं 126.85 लाख रुपये के कुल 38 कार्यों को निविदा आमंत्रित करने के बजाए अलग-अलग कार्यादेश के जरिये मनमाने तरीके से बांट दिया गया। अनियमितता का आलम ये है कि टनकपुर में 90.97 लाख खर्च कर ट्रॉमा सेंटर बनाया तो गया, लेकिन दस साल बाद भी यह कार्य नहीं कर रहा।

वर्ष 2015-16 के लिए कराए गए ऑडिट में विभिन्न जिलों में स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों की ओर से की गईं वित्तीय अनियमितताओं ने तंत्र के कामकाज में नियमों की अनदेखी की पोल खोलकर रख दी है। 

बागेश्वर और टनकपुर में यूजर्स चार्जेज में खेल हुआ। संयुक्त चिकित्सालय टनकपुर में 1.21 लाख रुपये यूजर्स चार्जेज को चिकित्सालय कोष में जमा नहीं कराया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीमताल में यूजर्स चार्जेज से संबंधित बैंक पास बुक और कैश बुक में जमा-शेष धनराशि में अंतर अनियमितता की ओर इशारा कर रहा है। 

सीएमओ नैनीताल

-प्रोक्योरमेंट नियमावली का अनुपालन किए बिना ही 2,67,155 रुपये से सामान खरीद की गई।

-18.31 लाख धनराशि से दवाइयों की खरीद में औषधि क्रय नीति का पालन नहीं।

-वर्ष 2014-15 में 5,58360 रुपये का अनियमित भुगतान दर्शाया, फिर 2015-16 में उक्त भुगतान राशि से संबद्ध बैंक ड्राफ्ट को निरस्त कर दोबारा भुगतान दर्शाया।

-126.85 लाख से कुल 38 विभिन्न कार्यों की निविदा प्रकाशित कराए बगैर प्रत्येक कार्य के लिए अलग-अलग कार्यदेश जारी किए, प्रोक्योरमेंट नियमों का उल्लंघन। 

सीएमओ, चंपावत 

-ट्रॉमा सेंटर टनकपुर के भवन निर्माण पर 90.97 लाख खर्च, एक दशक बाद भी इस्तेमाल नहीं।

-जिला योजना के तहत 20 लाख की स्वीकृत राशि में साल आखिर तक 16.48 लाख ही जारी किए गए। उपकरणों की खरीद में प्रोक्योरमेंट नियमों की अनदेखी। 

सीएमओ बागेश्वर

-निविदा के बगैर ही विभिन्न स्थानों पर कराए गए निर्माण कार्यों के 15.18 लाख रुपये का अनियमित भुगतान किया गया।

-निविदा आमंत्रित किए बगैर मैसर्स यूनिवर्सल इंटरप्राइजेज से विभिन्न दवाएं खरीद कर 747819 रुपये का अनियमित भुगतान।

-औषधि स्टॉक पंजिका में 23305.15 राशि से खरीदी गई दवाइयों की प्रविष्टि नहीं की गई।

-यूजर्स चार्जेज से प्राप्त 1.21 लाख को नियमित रूप से चिकित्सालय कोष में जमा नहीं किया गया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी चिकित्साधिकारी लोहाघाट

-दवा खरीद में 36840 रुपये का संदिग्ध भुगतान।

-शासन से मिली अनुदान राशि पर मिली ब्याज राशि 86049 को शासन को वापस नहीं किया गया।

-साल के आखिर में बैंक पास बुक व कैश बुक में 64933 रुपये का अंतर, गड़बड़ी का अंदेशा।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीमताल, प्रभारी चिकित्साधिकारी

-1.28 लाख रुपये से खरीदी गई दवाइयों में अनियमित भुगतान किया गया। इन दवाइयों को परीक्षण कराए बगैर ही वितरित कर दिया गया। साथ ही दवाइयों को स्टॉक पंजिका में अंकित नहीं किया गया। 

-23,178 रुपये के चेक से जारी धनराशि के खर्च की पुष्टि नहीं हुई। 

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