संकट से जूझ रहे उद्योगों को सरकार से संजीवनी की आस
विकासनगर कोरोना संक्रमण के दौर ने कई उद्योगों को व्यापक स्तर पर प्रभावित किया है।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: कोरोना संक्रमण के दौर ने कई उद्योगों को व्यापक स्तर पर प्रभावित किया है। लॉकडाउन और कोविड कर्फ्यू ने उद्योगों के उत्पादन और निर्मित सामान को बाजारों में बेचने की पूरी चेन को तोड़कर रख दिया है। मुसीबत उठा रहे उद्योगपति अब सरकार से राहत की उम्मीद लगा रहे हैं।
कोरोना काल के शुरूआती दौर से अब तक लाकडाउन व कोविड कर्फ्यू के समय में एमएसएमई यानी माइक्रो, स्माल व मीडियम इंडस्ट्री सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस काल में न सिर्फ औद्योगिक इकाईयों के उत्पादन पर फर्क पड़ा है। बल्कि बाजार से जुड़ी उद्योगों की चेन टूट गई है। उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों की समस्या अलग है, वहीं कच्चा व गोदामों में रखा हुआ तैयार माल को लेकर उद्योगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इंडियन इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन आफ उत्तराखंड के उपाध्यक्ष लतीफ चौधरी का कहना है कि माइक्रो व स्माल स्केल इंडस्ट्री का व्यापार दैनिक मजदूरी की तरह होता है। प्रतिदिन होने वाला उत्पादन व उसकी प्रतिदिन की सेल पर उद्योग टिके होते हैं। इस क्रम में किसी भी स्तर पर समस्या आने से व्यापार प्रभावित हो जाता है। पिछले एक साल से अधिक के समय में बाजार बंद होने व बाजारों में रखे सामान की कम बिक्री होने से इस प्रकार के उद्योग भारी घाटे में हैं। वहीं आक्सीजन की आपूर्ति बंद होने के कारण एक दर्जन के करीब औद्योगिक इकाइयां करीब 42 दिन तक बंद रही, जिससे भी कंपनियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार का कहना है कि कोरोना काल में उद्योगों की कमर टूट गई है। ऐसे में सरकार को उद्योगों की सहायता के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। उनका कहना है कि बिजली बिल, विभिन्न प्रकार के टैक्स व लोन सब्सिडी जैसी सुविधाएं प्रदान करके उद्योगों को सहारा दे सकती है।