Move to Jagran APP

इस विभाग में अगर आने में हुर्इ देरी तो कटेगी सैलरी

अब देहरादून में नगर निगम में देरी से आने वाले कर्मियों को उसका हर्जाना भरना पड़ेगा। यह हर्जाना उन्हें अपनी सैलरी कटाकर भरना पड़ेगा।

By raksha.panthariEdited By: Published: Sat, 28 Oct 2017 03:23 PM (IST)Updated: Sat, 28 Oct 2017 11:07 PM (IST)
इस विभाग में अगर आने में हुर्इ देरी तो कटेगी सैलरी
इस विभाग में अगर आने में हुर्इ देरी तो कटेगी सैलरी

देहरादून, [अंकुर अग्रवाल]: नगर निगम में लेटलतीफ अफसरों और कार्मिकों पर एक नवंबर से तनख्वाह काटने का 'चाबुक' चलाया जाएगा। नगर आयुक्त ने इसके लिए एक नवंबर से सभी नियमित कार्मिकों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी लागू करने के आदेश दिए हैं। सुबह दफ्तर पहुंचने का समय साढ़े नौ बजे से दस बजे तक होगा। इसमें दस से 15 मिनट की रियायत दी जाएगी। सवा दस बजे के बाद आने वाले कार्मिकों की उस दिन की आधी तनख्वाह काटने का फरमान सुनाया गया है। 

loksabha election banner

अक्टूबर-2014 में एक लाख रुपये खर्च कर नगर निगम में तीन बायोमेट्रिक हाजिरी मशीनें लगाई गई थी। कर्मचारियों का वेतन इनमें दर्ज हाजिरी के जरिये ही बनाया जाना था, निगम प्रशासन की बड़ी लापरवाही रही कि अब तक बायोमेट्रिक हाजिरी व्यवस्था लागू नहीं हो पाई। निगम में प्रशासनिक के साथ ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र आदि बनाने और हाउस टैक्स जमा करने के कार्यों की शुरुआत का वक्त सुबह 10 बजे से है, पर यहां ऐसा नहीं होता। कर्मचारी एक-दो घंटे की देरी से पहुंचते हैं व लोग इंतजार करते रहते हैं। इसीलिए वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्य नगर अधिकारी हरक सिंह रावत द्वारा बायोमेट्रिक मशीन पर हाजिरी की व्यवस्था की गई थी। साथ ही यह भी आदेश दिया गया कि जो कर्मचारी देर से दफ्तर आएगा, उसका वेतन उसी हिसाब से काटा जाएगा। निगम में तीन अनुभाग प्रशासनिक, भवन कर और स्वास्थ्य अनुभाग में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गईं। अब निगम के नए नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदांडे ने लेटलतीफ अधिकारियों एवं कार्मिकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वह खुद समय पर दफ्तर पहुंच रहे व हाजिरी चेक कर रहे। इसके साथ ही एक नवंबर से वह बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य करने जा रहे हैं। 

नहीं कटा किसी का वेतन 

निगम के प्रशासनिक विभाग का रेकार्ड स्पष्ट बता रहा है कि पिछले तीन साल में एक बार भी कर्मियों का वेतन मशीन के आधार पर नहीं बना। कर्मचारी रजिस्टर में जो हाजिरी भरते हैं उसी आधार पर तनख्वाह बन रही है। मतलब साफ था कि, चाहे वह देर से आएं या जल्दी चले जाएं तनख्वाह तो पूरा मिलेगी। अब नई व्यवस्था में तनख्वाह काटने का नियम लागू कराना नगर आयुक्त के लिए चुनौती से कम नहीं होगा। 

यह व्यवस्था अधिकारियों पर भी होगी लागू   

बायोमेट्रिक मशीन के संबंध में कुछ कर्मचारियों ने कहा कि यह सिस्टम सिर्फ कर्मचारियों के लिए क्यों? अधिकारियों को शामिल क्यों नहीं किया गया। कर्मचारियों का तर्क है कि अधिकारी खुद तो मनमर्जी से आते-जाते हैं और नया सिस्टम केवल कर्मचारियों पर थोपते हैं। इसलिए आयुक्त ने इस बार यह व्यवस्था सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए लागू की है। 

फील्ड कर्मियों को पोर्टेबल मशीन 

फील्ड का बहाना बनाकर बायोमेट्रिक हाजिरी से बचने वाले अफसर व कार्मिक भी नई व्यवस्था से बच नहीं पाएंगे। इनके लिए उन्हें पोर्टेबल मशीनें दी जाएंगी। इन मशीनों में सफाई कर्मियों की हाजिरी भी लगेगी। इससे वे शिकायतें बंद हो जाएंगी, जिसमें सफाई कर्मी वार्डों में नहीं आने के आरोप लगते हैं। 

यह भी पढ़ें: अपने ही खेल में फंसे दर्जनों बिल्डर, अब देना पड़ेगा हर्जाना

यह भी पढ़ें: रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के लिए योग्यता प्रमाण

यह भी पढ़ें: नहीं चलेगी मनमानी, सीसीटीवी कैमरों से लैस हुई डीलक्स बसें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.