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गड्ढों से हादसा हुआ तो निर्माण एजेंसी के खिलाफ होगी कार्रवाई Dehradun News

यदि अब सड़क के किसी गड्ढे से हादसा हुआ या सड़क के डिजाइन व निर्माण की खामी हादसे की वजह बनी तो उस पर लोनिवि या संबंधित निर्माण एजेंसी पर कार्रवाई की जाएगी।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 12:55 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 12:55 PM (IST)
गड्ढों से हादसा हुआ तो निर्माण एजेंसी के खिलाफ होगी कार्रवाई Dehradun News
गड्ढों से हादसा हुआ तो निर्माण एजेंसी के खिलाफ होगी कार्रवाई Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। यदि अब सड़क के किसी गड्ढे से हादसा हुआ या सड़क के डिजाइन व निर्माण की खामी हादसे की वजह बनी तो उस पर लोनिवि या संबंधित निर्माण एजेंसी पर कार्रवाई की जाएगी। मोटर व्हीकल एक्ट (एमवी एक्ट) के संशोधित प्रावधान में अब एक लाख रुपये तक के जुर्माने की व्यवस्था कर दी गई है।

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संभागीय परिवहन अधिकारी (आरओ) कार्यालय ने संशोधित नियम के प्रति अधिकारियों को आगाह किया है। साथ ही संशोधित नियमों की प्रति लोनिवि प्रांतीय खंड, निर्माण खंड के अधिशासी अभियंताओं समेत राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला के अधिशासी अभियंता व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के संबंधित अधिकारियों को भेजी है। 

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) अरविंद पांडे ने बताया कि एमवी एक्ट की धारा 198-ए के तहत जुर्माने के विभिन्न प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यदि सड़कों के गड्ढे आदि के चलते कोई हादसा होता है तो उसके लिए जिम्मेदार कार्यदाई संस्था या ठेकेदार पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि गलत ढंग से बनी सड़क व उसके गलत डिजाइन पर भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई की जद में सड़क को डिजाइन करने वाली एजेंसी भी आ सकता है। कार्रवाई के लिए हादसे के बाद की गई माजिस्ट्रेटी जांच, रोड सेफ्टी को लेकर बनाई गई समिति या किसी भी रोड सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट को आधार बनाया जा सकता है। 

क्रैश बैरियर लगाने व बेचने के खिलाफ अभियान

परिवहन विभाग वाहनों पर क्रैश बैरियर (सिक्योरिटी गार्ड) लगाने पर भी कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही वाहनों के साइलेंसर आदि को मॉडिफाई कराने पर भी एक्शन किया जाएगा। इसके तहत भी नए नियमों के तहत एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविंद पांडे ने बताया कि वाहनों पर क्रैश बैरियर लगाने को प्रतिबंधित किया जा चुका है। इसके साथ ही दुपहिया वाहनों के साइलेंसर में छेड़छाड़ की भी मनाही है। इसके बाद भी शहर में क्रैश बैरियर लगे वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि तमाम वाहन डीलर व स्पेयर पार्ट्स विक्रेता इनकी बिक्री कर रहे हैं। एमवी एक्ट की धारा 182-ए में इन सबके लिए कार्रवाई के प्रावधान कर दिए गए हैं। सभी डीलर व स्पेयर पाट्र्स विक्रेताओं को इस बाबत नोटिस भेजे जा रहे हैं। नियमों के अनुपालन की तस्दीक के लिए अगले सप्ताह से अभियान भी शुरू कर दिया जाएगा। 

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लिहाजा, वाहन चलाने वाले लोगों व प्रतिबंधित पाट्र्स बेचने वाले प्रतिष्ठानों के पास नियमों के पालन के लिए कुछ दिन शेष हैं। जिस भी प्रतिष्ठान के पास वाहनों के प्रतिबंधित पाट्र्स हैं तो वह उसकी बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद कर दें। यदि इसके बाद भी नियमों का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित प्रतिष्ठान या व्यक्ति से एक लाख रुपये तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा।

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