योग से पंचतत्वों को संतुलित कर स्वस्थ रहता है मनुष्य
गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) और पर्यटन विभाग परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के अंतिम दिन प्रख्यात योगाचार्या डॉ. राधिका नागरथ ने योग द्वारा पंचतत्वों का संतुलन विषय पर व्याख्यान दिया।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) और पर्यटन विभाग परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के अंतिम दिन प्रख्यात योगाचार्या डॉ. राधिका नागरथ ने 'योग द्वारा पंचतत्वों का संतुलन' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हमारा शरीर ब्रह्मांड में विद्यमान पंचतत्वों वायु, आकाश, पृथ्वी, जल और अग्नि से निर्मित हुआ है। शरीर शांत होने पर यह पंचतत्वों में ही विलीन हो जाता है। तब केवल आत्मा का ही अस्तित्व कायम रहता है। कहा कि इन पंचतत्वों को योग के माध्यम से ही संतुलित कर मनुष्य स्वस्थ रह सकता है।
योग महोत्सव में बुधवार को योगाचार्यों ने योग साधकों को योग की विभिन्न विधाओं से परिचित कराया। विशेष योग सत्र में डॉ. राधिका नागरथ ने कहा कि पंचतत्वों का संतुलन गड़बड़ाने की वजह से ही मनुष्य के स्वास्थ्य में अनेक विसंगतियां आती हैं। जिन्हें योग की क्रियाओं के जरिये ही दूर किया जा सकता है। इस संबंध में महर्षि पतंजलि, महर्षि अरविंद, स्वामी रामकृष्ण परमहंस व स्वामी विवेकानंद ने समाज को समय-समय पर दिशा देने का कार्य किया। पंचभूतों से निर्मित सभी जीव-जंतुओं का शरीर नश्वर है। वैदिक मान्यता है कि प्रकृति ने ही हमें जीवन दिया है, इसलिए मनुष्य को प्रकृति से तारतम्य बैठाने के लिए पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। तभी मनुष्य स्वस्थ रह सकता है।
भारतीय संस्कृति की विशद व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि वैदिक संस्कृति मनुष्य के जीवन में शांति के साथ-साथ जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की शांति की कामना भी करती है। वह संपूर्ण विश्व को अपना परिवार मानते हुए वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देती है।
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इन देशों के योग साधक हुए शामिल
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में इस बार भारत सहित स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल, चीन, मैक्सिको, बेल्जियम, अमेरिका, कोलंबिया, नीदरलैंड, पेरू, अर्जेटीना, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इटली, नार्वे, जर्मनी, तिब्बत, भूटान, रूस, इजरायल, इंग्लैंड, फ्रांस, कनाडा, स्वीडन, हांगकांग, स्विट्जरलैंड, बहरीन, अफगानिस्तान, अफ्रीका, सिगापुर, ताइवान, फिलिस्तीन, ईरान, जापान, केन्या, यमन, पेलस्टाइन, थाइलैंड, नामीबिया, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, ऑस्ट्रिया, क्यूबा, चिली, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका आदि।