CoronaVirus: कोरोना से जंग में गर्मी भी कर रही बेदम Dehradun News
एक तरफ ऊपर की ओर भागता कोरोना संक्रमण का ग्राफ और दूसरी तरफ बढ़ती तपिश। इन विषम हालात ने कोरोना वॉरियर्स की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
देहरादून, जेएनएन। एक तरफ ऊपर की ओर भागता कोरोना संक्रमण का ग्राफ और दूसरी तरफ बढ़ती तपिश। इन विषम हालात ने कोरोना वॉरियर्स की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बढ़ते तापमान के बीच पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स और फेस शील्ड पहनकर घंटों तक लगातार काम करना पड़ रहा है। इस कारण अभी कुछ दिन पहले ही दून अस्पताल में एक नर्स बेसुध होकर गिर पड़ी।
कोरोनाकाल में बढ़ती गर्मी ने कोरोना वॉरियर्स की परेशानी और बढ़ा दी है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे चिकित्सक व नर्स हों या बॉर्डर पर सैंपलिंग करने वाले और मरीज को अस्पताल पहुंचाने वाला एंबुलेंस स्टाफ। यह वक्त सभी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। स्वास्थ्यकॢमयों का कहना है कि इस गर्मी में पीपीई किट पहनने का मतलब आग की भट्टी में जाने जैसा है।
फाइबर से बनी किट को सिर से लेकर पैर तक पहनना पड़ता है। जिससे हवा तो दूर पानी का भी आर-पार निकलना संभव नहीं है। लेकिन, भीषण गर्मी की परवाह किए बगैर पीपीई किट पहनकर ये लोग सिर्फ इसलिए मरीजों का उपचार और हार्ई रिस्क जोन में संदिग्धों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं ताकि जनमानस को कोरोना से बचाया जा सके।
विशेषज्ञ बताते हैं कि पीपीई किट पहनने के बाद शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ज्यादा पसीना निकलने से डिहाइड्रेशन का खतरा भी रहता है। हाई रिस्क एरिया में कोरोना संदिग्धों की स्क्रीनिंग के दौरान कई घंटे तक इसे पहनना पड़ता है। जिससे आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि जिस तरह की गर्मी है, इसमें पीपीई किट लगातार पहने रहना किसी चुनौती से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में ड्यूटी इस हिसाब से लगाई गई है कि स्टाफ को ज्यादा वक्त तक पीपीई किट में न रहना पड़े। यह स्टाफ का हौसला है कि वह किसी तरह की शिकायत नहीं करते और पूरे जज्बे के साथ अपना काम कर रहे हैं।
यह करना होता है
-पीपीई किट को सिर से पैर तक पहनना पड़ता है।
-फेस शील्ड और एन-95 मास्क भी पहनना होता है।
-ग्लव्स पहनने के बाद ही किसी व्यक्ति को छू सकते हैैं।
-पीपीई किट में शू कवर भी पहनने पड़ते हैैं।
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यह हो रही परेशानी
-10 मिनट में ही पसीने से तरबतर।
-बेचैनी और गला सूखना।
-मास्क के बेल्ट की चुभन।
-कानों पर दबाव बना रहना।
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