मरीजों को यूं ही रेफर नहीं कर पाएंगे अस्पताल
मुख्य चिकित्साधिकारी ने मरीजों को रेफर करने को लेकर अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए हैं। मरीज को क्या बीमारी थी और उसे क्यों और किन हालात में रेफर किया गया, इसका डाटा रखना होगा।
देहरादून, [जेएनएन]: दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल समेत जिले के सभी सरकारी अस्पताल अब मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के रडार पर रहेंगे। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाईएस थपलियाल ने मरीजों को रेफर करने को लेकर अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए हैं। मरीज को क्या बीमारी थी और उसे क्यों और किन हालात में रेफर किया गया, इसका डाटा अस्पताल को रखना होगा। यह पूरा ब्यौरा एक रजिस्ट्रर में दर्ज करना होगा। जिसकी समीक्षा हर माह सीएमओ खुद करेंगे।
अभी कुछ दिन पूर्व डीएम के जनता दरबार में सरकारी अस्पतालों द्वारा मरीजों को अनावश्यक रेफर किए जाने की शिकायत की गई थी। जिसमें समाजसेवी भूपेंद्र कुमार ने कहा था कि डॉक्टर मरीज को बिना देखे ही अन्य जगह के लिए रेफर कर दे रहे हैं।
जिस पर जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने सीएमओ को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाईएस थपलियाल ने बताया कि दून अस्पताल समेत जिले के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों में एक रजिस्ट्रर रखा जाएगा।
जो भी मरीज रेफर किया जाएगा, उससे पहले उस रजिस्ट्रर में मरीज का नाम, उसकी बीमारी और क्यों रेफर किया जा रहा है, इसका विवरण लिखा जाएगा। जब मामला गंभीर होगा, तभी मरीज को रेफर किया जा सकेगा। हर माह के अंत में इस रजिस्ट्रर के आधार पर मरीज के तीमारदारों से संपर्क भी किया जा सकता है। अगर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर की लापरवाही पाई गई तो फिर कार्रवाई होगी।
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