बोर्ड बैठक स्थगित हुई तो धरने पर बैठे शिफनकोट के बेघर मजदूर
शिफनकोट से अतिक्रमण हटाने के बाद बेघर हुए मजदूर नगर पालिका बोर्ड की बैठक स्थगित होने पर परिवार समेत पालिका पहुंचे और धरने पर बैठ गए। धरना-प्रदर्शन करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं। लोग बिस्तर आदि साथ लेकर गए थे।
मसूरी, जेएनएन। शिफनकोट से अतिक्रमण हटाए जाने के बाद बेघर हुए मजदूर नगर पालिका बोर्ड की बैठक स्थगित होने पर शुक्रवार को परिवार समेत पालिका पहुंचे और धरने पर बैठ गए। धरना-प्रदर्शन करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं। लोग बिस्तर आदि साथ लेकर गए थे और देर रात तक परिसर में धरने पर डटे हुए थे।
शुक्रवार को बोर्ड बैठक में शिफनकोट से बेघर हुए मजदूरों के लिए आवास बनाने को नगर पालिका की ओर से भूमि उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव पेश किया जाना था। लेकिन, ऐन वक्त पर बैठक स्थगित कर दी गई। इसकी जानकारी होने पर नाराज मजदूर नगर पालिका पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। नगर पालिका परिसर में प्रदर्शन के दौरान शिफनकोट से अतिक्रमण हटाए जाने के कारण बेघर हुए संजय टम्टा ने बताया कि बीती पांच अक्टूबर को शहीद स्थल में धरने पर बैठे मजदूरों को पालिकाध्यक्ष ने लिखित आश्वासन दिया था कि दस दिन के भीतर पालिका बोर्ड मजदूरों को आवास के लिए भूमि देने का प्रस्ताव पास कर शासन को भेज देगा। इस आश्वासन पर मजदूरों ने धरना खत्म कर दिया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। उस पर बैठक स्थगित किए जाने से मजदूर निराश हैं।
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पालिकाध्यक्ष बोले, सभासदों की मांग पर स्थगित की गई बैठक
पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि पालिका सभासद जसबीर कौर, मनीषा खरोला, दर्शन सिंह रावत, आरती अग्रवाल, कुलदीप रौंछेला, गीता कुमाईं, पंकज खत्री, नंदलाल, जशोदा शर्मा और प्रताप पंवार ने 16 अक्टूबर को बोर्ड बैठक स्थगित करने और सभी वार्डो के विकास कार्यो के टेंडर करने के बाद बोर्ड बैठक आहूत करने की मांग की थी। इस कारण बैठक स्थगित कर दी गई।
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