हिमालय क्षेत्र के विकास को विज्ञान और नीति का जोड़ जरूरी, पढ़िए पूरी खबर
14 वीं प्रादेशिक विज्ञान कांग्रेस में हिमालय नॉलेज नेटवर्क पर आयोजित कार्यशाला में विचार मंथन किया गया।
By Edited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 09:24 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 04:40 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। विकासनगर के झाझरा स्थित यूकॉस्ट में 14 वीं प्रादेशिक विज्ञान कांग्रेस में हिमालयन नॉलेज नेटवर्क पर आयोजित कार्यशाला में विचार मंथन किया गया। जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान और उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद झाझरा की ओर से आयोजित हिमालयन नॉलेज नेटवर्क पर कार्यशाला में दूसरे दिन सात राज्यों के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
जीबी पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा से आए डॉ. आर सी सुंदरियाल ने कहा कि भारतीय हिमालय क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और नीतियों को जोडना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बड़े हिस्से का सतत विकास काफी हद तक हिमालयी क्षेत्र में संचित संसाधनों पर निर्भर है। भारतीय हिमालय क्षेत्र में 11 राज्य आते हैं, इनमें 9 पूरी तरह और 2 आंशिक रूप से है, साथ ही 100 प्रतिशत ग्लेशियर व अल्पाइन तंत्र पूरी तरह से हिमालय पहाड़ों पर निर्भर है।
कार्यशाला में मौजूद सात हिमालय राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम और उत्तराखंड के विषय विशेषज्ञों की मौजूदगी में जीबी पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा के डॉ. आरसी रावल ने कहा कि एक केंद्रीय सूचना प्रबंध प्रणाली होनी चाहिए, जिसमें सारी जानकारियां उपलब्ध हो। जीबी पंत संस्थान ने हिमालयन नॉलेज नेटवर्क की एक पहल की है, जो बड़े पैमाने पर लाभ के लिए सभी संस्थानों, विवि, परिषदों और एजेंसियों को जोड़ेगी।
यूकॉस्ट महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कहा कि हिमालयन नॉलेज नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य शिक्षाविदों, विद्वानों, विद्या केंद्र व क्षेत्रीय केंद्रों का विकसित और मजबूत कराना है। भारतीय हिमालय क्षेत्र में अनुसंधान निष्कर्षों को साझा करने के लिए मंथन किया गया है। नीति आयोग हिमालय की विशेषता और हिमालय से संबंधित ज्ञान के तहत सतत विकास के लिए चुनौतियों की पहचान करेगा। सत्र के दौरान राष्ट्रीय गणित दिवस भी मनाया गया। इस अवसर पर गणित में चुनौतियां विषय पर आइआइटी कानपुर के प्रो. धीरेन्द्र बहुगुणा, प्रो. कल्याण चक्रवर्ती, दुर्गा तोशनीवाल, प्रो.भगवती प्रसाद चमोला, प्रो. आरके सैनी, एसके गुप्ता, संजीव कुमार, महेषानंद ने मंथन किया।
वहीं, कार्यशाला में सत्र समन्वयक डॉ. पीयूष जोशी, डॉ. एए माओ, प्रो. एएन पुरोहित, डॉ. जीएस रावत, डॉ. राकेश शाह, डॉ. आरएस रावल, डॉ. बीपी पुरोहित, डॉ. डीपी उनियाल, डा. अशोक मिश्रा, डॉ. एचसी पोखरियाल, डॉ. बृजमोहन शर्मा आदि मौजूद रहे। कार्यशाला श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी की अध्यक्षता व यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल की सहअध्यक्षता में आयोजित हुई।
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