केंद्रीय योजनाओं का उत्तराखंड में सबसे ज्यादा खर्च हुआ बजट
डबल इंजन का दम कहिए या दबाव उत्तराखंड में केंद्रपोषित योजनाओं के सदुपयोग में तेजी दर्ज हो रही है। इस मद में आठ महीनों में सबसे ज्यादा 64.62 फीसद बजट इस्तेमाल हुआ है।
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। डबल इंजन का दम कहिए या दबाव, उत्तराखंड में केंद्रपोषित योजनाओं के सदुपयोग में तेजी दर्ज हो रही है। इस मद में चालू वित्त वर्ष के आठ महीनों में सबसे ज्यादा 64.62 फीसद बजट इस्तेमाल हुआ है।
यह बढ़िया संकेत इस मायने में भी है कि राज्य के ढांचागत विकास में सबसे ज्यादा निवेश केंद्र की योजनाओं का ही है। वहीं जिलों में जिन छोटे विकास और निर्माण कार्यों का दारोमदार जिला योजना पर होता है, वहां बजट का कम इस्तेमाल होना सरकार के माथे पर बल डालने वाला है। सरकारी महकमे बजट खर्च को लेकर अब भी ठिठके हुए हैं।
बजट खर्च के मोर्चे पर पिछले कई सालों से राज्य के हालात में उम्मीदों के मुताबिक सुधार नहीं हो पाया है। बजट खर्च के सरकारी आंकड़े यही दुहाई दे रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 2019-20 में कुल बजट 48663.89 करोड़ में से आठ महीने यानी नवंबर तक आधिकारिक आंकड़े बता रहे हैं कि सिर्फ 19533.14 करोड़ खर्च हुआ है।
शेष चार महीनों में कुल बजट का 29130.75 करोड़ खर्च किया जाना है। कुल बजट का सिर्फ 66.14 फीसद उक्त अवधि में मंजूर किया गया, जबकि इसमें से सिर्फ 60.14 फीसद खर्च हो सका।
केंद्रपोषित योजनाओं की बजट राशि 7988.21 करोड़ में से 2446.80 करोड़ खर्च किया जा चुका है। खर्च के लिए 3786.48 करोड़ बजट राशि जारी की गई है। कुल बजट की तुलना में स्वीकृति ज्यादा नहीं है, लेकिन खर्च की स्थिति बेहतर हुई है। बाह्य सहायतित योजना की कुल 1530.26 करोड़ बजट राशि में से 234.79 करोड़ खर्च हो चुका है। इस मद में बजट स्वीकृति 499.01 करोड़ और खर्च दोनों ही कम है।
जिला सेक्टर के 612.82 करोड़ के बजट में से सबसे ज्यादा 605 करोड़ जारी तो किए गए हैं, लेकिन खर्च 305.12 करोड़ हो सका। यह स्वीकृत राशि का 50.43 फीसद है। राज्य सेक्टर के कुल 38532.60 करोड़ के बजट में से 70 फीसद से ज्यादा धन खर्च के लिए मंजूर हुआ।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में संचार सुविधा सुदृढ़ीकरण को मांगी केंद्र की मदद
खर्च 16546.43 करोड़ यानी 60.62 फीसद हो पाया। वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है कि बजट खर्च की रफ्तार बीते वर्षों की तुलना में सुधरा है। इसमें और सुधार के लिए सभी महकमों को निर्देश दिए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में नहर निर्माण के लिए 3.50 लाख प्रति हेक्टेयर हो लागत