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प्रेमनगर में ऊपर छज्जा और नीचे से गुजार दी हाईटेंशन लाइन Dehradun News

प्रेमनगर बाजार में लगे बिजली के खंभों को ही देख लीजिए। एक भवन का पूरा अतिक्रमण हटाए बिना लगाए गए खंभे के चलते हाईटेंशन लाइन उसके छज्जे के नीचे से गुजर रही है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 04:10 PM (IST)
प्रेमनगर में ऊपर छज्जा और नीचे से गुजार दी हाईटेंशन लाइन Dehradun News
प्रेमनगर में ऊपर छज्जा और नीचे से गुजार दी हाईटेंशन लाइन Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। प्रेमनगर में एक तरफ से अतिक्रमण हटता है और दूसरी तरफ सफेदपोशों के संरक्षण में दोबारा सरकारी जगह घेर ली जाती है। इसके अलावा भी तमाम नियम-कानूनों की क्षेत्र में अनदेखी की जा रही है। अब प्रेमनगर बाजार में लगे बिजली के खंभों को ही देख लीजिए। एक भवन का पूरा अतिक्रमण हटाए बिना लगाए गए खंभे के चलते हाईटेंशन लाइन उसके छज्जे के नीचे से गुजर रही है।

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सवाल ऊर्जा निगम की इस हड़बड़ी को लेकर भी खड़े हो रहे हैं। क्योंकि, ऐसा भी नहीं है कि बिजली के खंभे हटाने और उन्हें पुनस्र्थापित करने को लेकर ऊर्जा निगम के अधिकारी पूरी रफ्तार से काम कर रहे हों। इसी ऊर्जा निगम के शहरभर में करीब 100 पोल एक साल से सड़कों की राह रोके खड़े हैं। रायपुर रोड, नेशविला रोड आदि क्षेत्र में बिजली के खंभे अतिक्रमण हटा दिए जाने के बाद भी सालभर से ज्यों के त्यों खड़े हैं। लोनिवि शेष स्थल पर सड़क भी बना चुका है। लिहाजा, इन क्षेत्रों में बिजली के खंभे सड़क पर काफी आगे निकले दिख रहे हैं।

वहीं, प्रेमनगर में नियमों की पूर्ति किए बिना लगाए गए बिजली के खंभे से संबंधित भवन में रह रहे लोगों की सुरक्षा भी खतरे में है। यह स्थिति कहीं न कहीं राजमार्ग खंड और ऊर्जा निगम के बीच समन्वय की कमी को भी दर्शाती है। साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि प्रेमनगर क्षेत्र के अतिक्रमण पर मशीनरी की इच्छाशक्ति कितनी क्षीण हो चुकी है। 

न स्वयं अतिक्रमण हटाया, न राजमार्ग को हटाने दिया

प्रेमनगर क्षेत्र में जिस भवन के छज्जे के नीचे से हाईटेंशन लाइन गुजार दी गई, उसमें अतिक्रमण हटाने के बाद भी कुछ भाग बाकी रह गया था। भवन स्वामियों ने यह कहकर अतिक्रमण नहीं टूटने दिया कि वह इसे स्वयं हटा देंगे। हालांकि, इसके बाद भी जब अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो दो बार भवन स्वामियों को नोटिस भी भेजा गया। कायदे से अधिकारियों को स्वयं अतिक्रमण हटा देना चाहिए था। जिस दिन ऊर्जा निगम के अधिकारी बिजली का खंभा गाड़ रहे थे, उस दिन मौके पर राजमार्ग खंड के अधिकारी भी उपस्थित थे। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने भी भवन के हिस्से को लेकर सवाल खड़े किए। तब राजमार्ग अधिकारियों ने कहा था कि वह अतिक्रमण हटा देंगे। तब से अब तक कई दिन बीत चुके हैं, मगर अतिक्रमण बरकरार है। 

सरकारी पुश्ते व सीवर लाइन के ऊपर बनने लगीं दुकानें

कुछ दिन पहले एक सरकारी पुश्ते पर अतिक्रमण कर कच्ची दुकान बना दी गई थी, तब जिलाधिकारी के निर्देश पर राजमार्ग खंड के अधिकारियों ने उसे पीछे करा दिया था। हालांकि, इसके बाद अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। अब दोबारा से एक दुकान इसी तरह खड़ी कर दी गई है। इसके नीचे न सिर्फ पुश्ता है, बल्कि सीवर लाइन भी गुजर रही है। इस बीच कुछ और दुकानों का काम भी शुरू कर दिया गया है। अब राजमार्ग खंड के अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।

कैंट बोर्ड भी पड़ा खामोश

दो दौर के अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद जब दोबारा बिना स्वीकृति निर्माण व अतिक्रमण किया जाने लगा तो तत्कालीन सीईओ ने कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था। उस दौरान अवैध निर्माण व अतिक्रमण पर भी लंबे समय तक अंकुश लगा रहा। हालांकि, अब कैंट बोर्ड इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। कहीं न कहीं अतिक्रमण व अवैध निर्माण को लेकर कैंट बोर्ड की भी मूक स्वीकृति है।

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जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि प्रेमनगर क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर कई शिकायतें आ रही हैं। उनका परीक्षण कराया जा रहा है। इस तरह सरकारी भूमि पर किसी भी तरह के निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही बिना अतिक्रमण हटाए खड़े किए गए बिजली के पोल पर भी अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी।

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