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दो महिलाओं की मौत के बाद उत्तराखंड में जंगलों की आग को लेकर हाई अलर्ट

बागेश्वर वनप्रभाग की कपकोट रेंज में जंगल की आग में दो महिलाओं की मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। अब राज्य में जंगलों की आग से सुरक्षा के मद्देनजर हाईअलर्ट घोषित कर दिया।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 09:42 PM (IST)
दो महिलाओं की मौत के बाद उत्तराखंड में जंगलों की आग को लेकर हाई अलर्ट
दो महिलाओं की मौत के बाद उत्तराखंड में जंगलों की आग को लेकर हाई अलर्ट

देहरादून, राज्य ब्यूरो। बागेश्वर वनप्रभाग की कपकोट रेंज में जंगल की आग में दो महिलाओं की मौत की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। घटना से सबक लेते हुए वन मुख्यालय ने अब राज्य में जंगलों की आग से सुरक्षा के मद्देनजर हाईअलर्ट घोषित कर दिया है।

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सभी वन प्रभागों और वन्यजीव परीक्षण को तीन करोड़ की राशि भी जारी की गई है। कपकोट जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए गढ़वाल व कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षकों और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। वन मुख्यालय ने कोरोना की रोकथाम में सहयोग दे रहे विभाग के 150 फील्ड कर्मियों को इससे मुक्त करने का भी आग्रह शासन से किया है। वहीं, शासन ने कपकोट की घटना को लेकर वन मुख्यालय से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

उत्तराखंड में मौसम के अभी तक साथ देने से जंगल की आग के लिहाज से बचे हुए थे। अब जबकि पारा उछाल भरने लगा है तो आग की घटनाएं भी होने लगी हैं। शनिवार को कपकोट के जंगल में लगी आग और इसमें घिरकर चारा पत्ती लेने गई दो महिलाओं की मौत व एक के घायल होने की घटना सामने आई है। एक तो इस फायर सीजन में आग की पहली घटना और उसमें मानव क्षति से वन मुख्यालय के साथ ही शासन भी सहमा हुआ है।

वन मुख्यालय ने इस मामले में बागेश्वर के डीएफओ को गहन जांच कर जंगल में आग लगने के कारणों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही सोमवार को प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) जय राज ने बताया कि घटना से सबक लेते हुए पूरे सिस्टम को अलर्ट कर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में कपकोट जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए। 

पीसीसीएफ के अनुसार जंगल की आग की रोकथाम के लिए पैसे की कमी न हो, इसके लिए तीन करोड़ की राशि जारी की गई है। इसके तहत वन प्रभागों को 10-10 लाख और वन्यजीव परिरक्षण को पांच-पांच लाख रुपये दिए गए हैं। साथ ही फील्ड अधिकारियों को जंगल की आग पर नियंत्रण के लिए वन पंचायतों का सक्रिय सहयोग लेने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि खुफिया तंत्र को सशक्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस बारे में संरक्षित व आरक्षित वन क्षेत्रों के प्रशासन को निर्देश जारी किए गए हैं।

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मुख्य सचिव से किया आग्रह

पीसीसीएफ जय राज के अनुसार उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि अभी तक मौसम साथ दे रहा था, जिससे जंगलों में आग की संभावना नहीं थी। अब जबकि जंगलों में आग की घटनाएं होने लगी हैं तो कोरोना वायरस की रोकथाम में विभिन्न स्थानों पर सेवाएं दे रहे फील्ड कर्मियों को वापस भेजा जाना है। इस संबंध में मुख्य सचिव से विचार करने का आग्रह किया गया है।

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