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बोर्डिंग प्रबंधन की जमानत अर्जी पर अब 26 सितंबर को होगी सुनवार्इ

सामूहिक दुष्कर्म और नाबालिग छात्रा का गर्भपात कराने की साजिश के आरोपितों की जमानत अर्जी पर अब 26 सितंबर को सुनवाई होगी।

By Edited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 04:05 PM (IST)
बोर्डिंग प्रबंधन की जमानत अर्जी पर अब 26 सितंबर को होगी सुनवार्इ
बोर्डिंग प्रबंधन की जमानत अर्जी पर अब 26 सितंबर को होगी सुनवार्इ

देहरादून, [जेएनएन]: सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग छात्रा का गर्भपात कराने की साजिश के आरोपित जीआरडी व‌र्ल्ड स्कूल प्रबंधन की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस के लिए मोहलत मांग लिए जाने के कारण विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय ने बुधवार को सुनवाई की तिथि तय कर दी है। उधर, प्रबंधन पर दर्ज मुकदमे में और धाराएं बढ़ाने का बचाव पक्ष ने विरोध किया, लेकिन अभियोजन पक्ष के तर्को को सुनने के बाद अदालत ने धाराएं बढ़ाने को सही ठहराया। इसी के साथ आरोपितों की चौदह दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा और बढ़ा दी गई। 

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विशेष लोक अभियोजक भरत सिंह नेगी ने अदालत को बताया कि देहरादून के भाऊवाला स्थित बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा से 14 अगस्त को सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। जिसके बाद छात्रा गर्भवती हो गई थी। इस बात का पता चलने पर प्रबंधन ने दुष्कर्म के आरोपित छात्रों को पुलिस के सुपुर्द करने के बजाय छात्रा को धमकाना शुरू कर दिया था। जांच में सामने आया था कि जीआरडी व‌र्ल्ड स्कूल की निदेशक लता गुप्ता के कहने पर प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा की पत्नी और आया मंजू ने छात्रा को देसी नुस्खे से तैयार दवा पिला दी, जिससे छात्रा की तबीयत खराब हो गर्इ। आनन -फानन छात्रा को राजपुर रोड स्थित निजी नर्सिंग होम ले जाया गया था, जहां उसका उपचार हुआ। 

गर्भपात की पुष्टि हो जाने के बाद साजिश स्पष्ट हो गई। यह भी सामने आया कि प्रबंधन चाहता तो आरोपित छात्र पहले ही पकड़े जाते। प्रबंधन ने आरोपितों का बचाव किया है। वहीं, बचाव पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता राजीव शर्मा ने धाराएं बढ़ाने जाने का विरोध करते हुए कहा कि प्रकरण में 17 सितंबर को अभियोग पंजीकृत होने के बाद भी कुछ नहीं बदला और न ही कोई नया घटनाक्रम सामने आया है। ऐसे में धाराएं बढ़ाया जाना सही नहीं है। पुलिस इरादतन धारा बढ़ा रही है।

बहस सुनने के बाद अदालत ने धाराएं बढ़ाने जाने को तर्कसंगत बताया। इसके बाद अदालत में प्रबंधन के अधिवक्ता की ओर से जमानत अर्जी पेश की गई। इस पर अदालत ने अभियोजन पक्ष से उनका मत जानना चाहा। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि मुकदमे में बढ़ी नई धाराओं समेत कई पहलुओं का अध्ययन किया जाना है। ऐसे में बहस के लिए मोहलत चाहिए। अदालत ने कहा कि अब बुधवार को जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी।

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