चायनीज मांझे की बिक्री रोकने को फ्लाइंग स्क्वाड
धर्मनगरी हरिद्वार में पतंगबाजी में इस्तेमाल हो रहा प्रतिबंधित चायनीज मांझा परिदों का काल बनकर उभरा है। मांझे की चपेट में आकर पक्षियों की मौत की खबरों के बाद अब वन महकमा हरकत में आया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: धर्मनगरी हरिद्वार में पतंगबाजी में इस्तेमाल हो रहा प्रतिबंधित चायनीज मांझा परिदों का काल बनकर उभरा है। मांझे की चपेट में आकर पक्षियों की मौत की खबरों के बाद अब वन महकमा हरकत में आया है। वन मुख्यालय ने चायनीज मांझे की बिक्री पर अंकुश लगाने के मद्देनजर फ्लाइंग स्क्वाड गठित करने के निर्देश डीएफओ हरिद्वार को दिए हैं। इस कार्य में पुलिस, प्रशासन का सहयोग लेने को कहा गया है।
हरिद्वार में बसंत पंचमी पर बड़ी संख्या में पतंग उड़ाई जाती है, जिसमें चायनीज मांझे का इस्तेमाल किया जाता है। बसंत पंचमी से पहले हो रही पतंगबाजी में प्रयोग किए जा रहे चायनीज मांझे की चपेट में आकर परिदों के मौत सुर्खियां बन रही हैं। इसे देखते हुए अब वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन सरंक्षक जयराज ने चायनीज मांझे से परिदों को बचाने के मद्देनजर हरिद्वार के डीएफओ को दिशा- निर्देश जारी किए हैं।
प्रमुख मुख्य वन संरक्षक ने चायनीज मांझे के प्रयोग को रोकने के मद्देनजर इसकी बरामदगी को छापे की कार्रवाई के लिए तीन-चार फ्लाइंग स्क्वाड गठित करने को को कहा है। साथ ही ज्वालापुर क्षेत्र में पतंग की दुकानों में प्रतिबंधित मांझे की बिक्री पर रोक लगाने को कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि पशु कल्याण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं के सहयोग से तीन-चार मेडिकल टीम बनाई जाएं, ताकि कहीं भी घायल परिदा मिलने पर उसके उपचार की व्यवस्था की जा सके।