हरीश रावत ने सीएम त्रिवेंद्र को लिखा पत्र
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निजी खेतों में काम करने वाली महिलाओं खेतों की रखवाली करने वालों और गांव के जंगल को आग से बचाने में लगे लोगों को मनरेगा श्रमिक मानने की मांग की।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निजी खेतों में काम करने वाली महिलाओं, खेतों की रखवाली करने वालों और गांव के जंगल को आग से बचाने में लगे लोगों को मनरेगा श्रमिक मानने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पत्र को मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट और कांग्रेस नेता जसबीर रावत ने मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा। पत्र में कहा गया कि वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार ने महिलाओं के हित में मनरेगा को लेकर बड़ा फैसला किया था। निजी खेतों में काम करने वाली महिलाओं को मनरेगा श्रमिकों के रूप में पंजीकृत किया गया था। वर्तमान में भी ऐसे निर्णय लेने की आवश्यकता है। साथ ही बरसाती जल संचय, सामूहिक पौधरोपण, बांस, तिमरू, तेजपत्ता या कास्ट उपयोग के सैमल, गेठी, तुन या फल प्रजाति के पौधरोपण को मनरेगा के तहत मान्य घोषित करना चाहिए। इससे गांव में नए आए हुए लोगों को भी रोजगार मिल सकेगा।