हरीश रावत की नजर में पिथौरागढ़ उपचुनाव कांग्रेस के लिए स्वर्णिम मौका
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने पिथौरागढ़ पचुनाव को स्वर्णिम अवसर बताते हुए कांग्रेसजनों से एकजुट होने का आह्वान किया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि पिथौरागढ़ चुनाव कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण क्षणों में हो रहा है। इस उपचुनाव को स्वर्णिम अवसर बताते हुए उन्होंने कांग्रेसजनों से एकजुट होने का आह्वान किया।
सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के आदेशानुसार वह पिथौरागढ़ में चुनाव प्रचार में जुटे हैं। आज वह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और कार्यसमिति के सदस्य के रूप में जिस मुकाम पर हैं, इसमें अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत के उनके समय के कांग्रेसजनों का अतुलनीय योगदान है।
उन्होंने कहा कि इन चारों जनपदों में कांग्रेस मजबूत हो, इसके लिए अल्मोड़ा में पदयात्राओं में भाग लिया, पिथौरागढ़ में चुनाव यात्रा में भाग ले रहा हूं। चंपावत में फिर से गोलज्यू की कर्मस्थली में राजनीतिक जागर लगाने के लिए जाऊंगा। बागनाथ हमेशा मेरे हृदय में वास करते हैं, उनकी शरण में भी जाऊंगा। उन्होंने कांग्रेसजनों से अपने पुराने साथी के साथ कांग्रेस और कांग्रेस के झंडे को लहराने के लिए उठ खड़े होने को कहा है।
अब रावत लोग समझदारी का निर्णय करने लगे
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कोटद्वार का नाम बदलकर कण्वनगरी करना अच्छा आइडिया है। ऐसा लगता है कि, अब रावत लोग समझदारी का निर्णय करने लगे हैं, मगर यदि कण्वनगर के बजाय नाम भरतनगर कर दें तो देश-दुनिया को को मालूम हो सकेगा कि भारत के पहले चक्रवर्ती सम्राट भरत का जन्म कोटद्वार में स्थित कण्वाश्रम में हुआ था।
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अपनी सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस स्थल को विकसित करने का हमने जो मास्टर प्लान बनाया था, उसे रोक दिया गया। उसको सरकार आगे चला दे तो दोनों काम, मार्केटिंग का काम भी और उस स्थल के विकास का काम भी पूरा हो जाएगा।
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