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हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ में व्यवस्थाएं जुटाने की चुनौती, अभी तक नहीं हुए काम

2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ को लेकर कोई खास तेजी नजर नहीं आ रही। स्थिति ये है कि महाकुंभ के लिए व्यवस्थाएं जुटाने के नाम पर एक भी काम प्रारंभ नहीं हो पाया।

By Edited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 04:09 PM (IST)
हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ में व्यवस्थाएं जुटाने की चुनौती, अभी तक नहीं हुए काम
हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ में व्यवस्थाएं जुटाने की चुनौती, अभी तक नहीं हुए काम

देहरादून, केदार दत्त। प्रयागराज में अर्द्धकुंभ के भव्य आयोजन से उत्तर प्रदेश ने देश-दुनिया का ध्यान खींचा तो इसके लिए उसने ढाई-तीन साल पहले से कसरत शुरू कर दी थी। इस लिहाज से 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ को लेकर कोई खास तेजी नजर नहीं आ रही। स्थिति ये है कि महाकुंभ के लिए व्यवस्थाएं जुटाने के नाम पर अभी तक एक भी काम प्रारंभ नहीं हो पाया। यहां तक कि स्थायी मेलाधिकारी की भी तैनाती नहीं हुई है। सूरतेहाल, डेढ़ साल के बेहद कम वक्त में महाकुंभ के मद्देनजर स्थायी पुल व पार्किंग का निर्माण जैसे स्थायी कार्यों के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं जुटाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि, सरकार का दावा है कि चुनौतियों से पार पाते हुए भव्य-दिव्य महाकुंभ का आयोजन कराएंगे। 

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हरिद्वार में महाकुंभ का आगाज जनवरी 2021 से होगा और यह चार माह तक चलना है। जाहिर है कि इसी के हिसाब से समय रहते वहां व्यवस्थाएं जुटाई जानी हैं। इसके तहत सुगम आवाजाही के लिए स्थायी पुलों व पार्किंग समेत अन्य निर्माण कार्य होने हैं तो घाटों के निर्माण व सौंदर्यीकरण, सड़कों के दुरुस्तीकरण, पेयजल, विद्युत, शौचालय समेत तमाम कार्य होने हैं। इस मोर्चे पर देखें तो तैयारियों को लेकर खास हलचल नहीं दिख रही, जबकि समय बेहद कम रह गया है। इसमें भी बरसात में चार माह तक कार्य प्रभावित रहेंगे। लिहाजा, स्थायी कार्यों को लेकर संशय भी बना है।

हालांकि, राज्य सरकार की ओर से महाकुंभ के लिए 150 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। साथ ही केंद्र सरकार से पांच हजार करोड़ की मांग की गई है, लेकिन अभी तक महाकुंभ के नाम पर कोई काम शुरू नहीं हो पाया। बात समझने की है कि केंद्र से पैसा किस्तों में मिलेगा। एक किस्त का काम पूरा होने के बाद दूसरी किस्त मिलेगी। ऐसे में अब तक काम शुरू हो जाने चाहिए थे, लेकिन यहां तो अभी तक स्थायी मेलाधिकारी की भी तैनाती नहीं हो पाई। विदित हो कि महाकुंभ में मेलाधिकारी के अलावा तीन अपर मेलाधिकारी भी नियुक्त होने हैं। उनका दायित्व महाकुंभ से संबंधित कार्यों को कराने के साथ ही मॉनीटङ्क्षरग करना है। यही नहीं, वे केंद्र एवं राज्य के मध्य सेतु का काम भी करते हैं।

कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम 

महाकुंभ में क्राउड मैनेजमेंट सबसे बड़ी चुनौती है। इस क्रम में गृह विभाग से कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम के लिए प्रस्ताव तैयार होना है। हालांकि, इसे लेकर कसरत चल रही है, मगर अभी शहरी विकास मंत्रालय तक नहीं पहुंचा है।

बोले मंत्री 

मदन कौशिक (शहरी विकास मंत्री, उत्तराखंड) का कहना है कि हरिद्वार में महाकुंभ को लेकर मुख्यमंत्री ने अखाड़ा परिषद के साथ हाल में बैठक की है। जल्द ही मेलाधिकारी व अपर मेलाधिकारियों के साथ ही पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। स्थायी पुलों के मद्देनजर टेंडर की स्वीकृति दी जा रही है। कम समय को देखते हुए चुनौती जरूर है, मगर हम महाकुंभ को उप्र से भी भव्य व दिव्य रूप में आयोजित करेंगे।

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