Move to Jagran APP

कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा: एक के बाद एक कर खुल रही कई परतें, भुगतान को लगाए थे एक लाख के फर्जी बिल

Haridwar Kumbh Coronavirus Test Fraud कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े का पैसा लेने के लिए फर्जी बिल बनाए गए थे। एसआइटी की जांच में पता चला है कि नलवा लैब के नाम से करीब एक लाख रुपये के फर्जी बिल बनाकर भुगतान के लिए लगाए गए थे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 08:31 AM (IST)Updated: Sun, 12 Dec 2021 08:31 AM (IST)
कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा: एक के बाद एक कर खुल रही कई परतें, भुगतान को लगाए थे एक लाख के फर्जी बिल
कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा: एक के बाद एक कर खुल रही कई परतें।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। कुंभ मेले के दौरान कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े का पैसा लेने के लिए फर्जी बिल बनाए गए थे। एसआइटी की जांच में पता चला है कि नलवा लैब के नाम से करीब एक लाख रुपये के फर्जी बिल बनाकर भुगतान के लिए लगाए गए थे। एसआइटी अब आशीष वशिष्ठ को जेल से तलब कर इस बारे में पूछताछ करने की तैयारी में है।

loksabha election banner

दिल्ली की फर्म मैक्स कारपोरेट सर्विसेज ने कुंभ मेले के दौरान हिसार हरियाणा की नलवा लेबोट्रीज और दिल्ली की डा. लालचंदानी लैब से हुए अनुबंध के आधार पर टेङ्क्षस्टग का ठेका लिया था। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद तत्कालीन सीएमओ की ओर से मैक्स, नलवा और लाल चंदानी लैब के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। एसआइटी की जांच में कई परतें खुलकर सामने आ चुकी है।

एसआइटी अभी तक भिवानी की डेल्फिया लैब के संचालक आशीष वशिष्ठ और मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के पार्टनर दंपती शरत पंत व मल्लिका पंत को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एसआइटी की जांच में सामने आया है कि करीब एक लाख से अधिक टेस्ट फर्जी किए गए और इनके फर्जी बिल तैयार कर कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग में जमा भी कर दिए गए। वहीं, इन फर्जी बिलों को जांच के बिना ही कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग ने कुछ भुगतान भी कर दिया था।

गनीमत रही कि करीब चार करोड़ का भुगतान होने से घोटाले से पर्दा उठ गया। जांच कर रहे शहर कोतवाल राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि एक्सपर्ट की जांच में बिल फर्जी पाए गए हैं। जांच में पाया गया कि बिलों को नलवा लैब के लैटर हैड में फर्जीवाड़ा कर तैयार किया गया था। क्योंकि, इन बिलों में आइसीएमआर आइडी नहीं है जो फर्जीवाड़े की ओर इशारा करती है।

उन्होंने कहा कि ये तथ्य सीडीओ सौरभ गहरवार की जांच में भी सामने आया था, जो हमारी जांच में पुख्ता हुआ है। हालांकि हमने अभी तक डा. नवतेज नलवा को क्लीन चिट नहीं दी है और उन्हें इस फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी थी या नहीं इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल, वो फरार हैं और उनको गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें-  कोरोना जांच फर्जीवाड़ा : शुरुआत में ही थे गड़बड़ी के संकेत, पर नहीं ली गई सुध


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.