Haridwar Kumbh 2021: वन्यजीवों की आफत से मुक्त रहेगा हरिद्वार कुंभ, जानिए क्या है योजना
Haridwar Kumbh 2021 अगले साल होने वाले कुंभ के दौरान हाथी समेत दूसरे वन्यजीव श्रद्धालुओं के लिए खतरे का सबब न बनें इसके मद्देनजर कवायद शुरू हो गई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। Haridwar Kumbh 2021 हरिद्वार में अगले साल होने वाले कुंभ के दौरान हाथी समेत दूसरे वन्यजीव श्रद्धालुओं के लिए खतरे का सबब न बनें, इसके मद्देनजर कवायद शुरू हो गई है। हरिद्वार शहर समेत संपूर्ण कुंभ मेला क्षेत्र के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके तहत हरिद्वार से ऋषिकेश तक के क्षेत्र में सक्रिय बिगड़ैल हाथियों की रेडियो कॉलर के जरिये निगरानी होगी तो गुलदारों से निबटने के लिए ग्रामीण इलाकों में विलेज प्रोटेक्शन फोर्स गठित करने के साथ ही वन सीमा पर सोलर पावर फेंसिंग, वन्यजीवरोधी दीवार जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व के साथ ही हरिद्वार, लैंसडौन, देहरादून और नरेंद्रनगर वन प्रभाग से लगे कुंभ मेला क्षेत्र (हरिद्वार से ऋषिकेश तक) में लंबे अर्से से वन्यजीवों के आतंक ने नींद उड़ाई हुई है। हाथी और गुलदारों ने सबसे अधिक मुसीबत खड़ी की हुई है। आबादी वाले क्षेत्रों में इनकी निरंतर धमक से अगले साल होने वाले कुंभ के मद्देनजर चिंता ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते ऐसे कदम उठाए जाएं, जिससे वन्यजीव जंगल की देहरी पार न कर पाएं।
राज्य वन्यजीव बोर्ड की हालिया बैठक में भी इस मसले पर मंथन हुआ और कुंभ से पहले सभी आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया गया। इस क्रम में वन महकमे ने कार्ययोजना का खाका खींचा है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग बताते हैं कि हरिद्वार क्षेत्र में हाथियों की दिक्कत ज्यादा है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से ऐसे 13 हाथी चिह्नित कर लिए गए हैं, जो जनसामान्य के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। कार्ययोजना के तहत इन सभी हाथियों को रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। इससे उन पर चौबीसों घंटे निगरानी रहेगी।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक सुहाग के अनुसार जिन क्षेत्रों में गुलदारों की सक्रियता है, वहां विलेज प्रोटेक्शन फोर्स गठित की जा रही हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व समेत अन्य वन प्रभागों में वन सीमा पर जरूरत के हिसाब से सोलर पावर फेंसिंग, खाई, वन्यजीवरोधी दीवार जैसे उपाय किए जा रहे हैं। ये सभी कार्य अगले साल कुंभ शुरू होने से पहले पूरे कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही पूरे क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर विभागीय रैपिड रिस्पॉन्स टीमों की तैनाती रहेगी, जिससे कहीं भी किसी वन्यजीव के आबादी के नजदीक दिखने पर उसे जंगल की तरफ खदेड़ा जा सके।
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कवायद:
- परेशानी का सबब बने हाथियों की रेडियो कॉलर से की जाएगी निगरानी।
- गुलदारों के खौफ को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में विलेज प्रोटेक्शन फोर्स।
- हरिद्वार से ऋषिकेश तक कुंभ क्षेत्र में रहेगी रैपिड रिस्पांस टीमों की तैनाती।
- वन सीमा पर सोलर फेंसिंग, वन्यजीव रोधी बाड़ जैसे उठाए जा रहे कदम।