Haridwar Kumbh Mela 2021: तय समय पर ही होगा हरिद्वार कुंभ, कोरोनाकाल में जानें कैसे मिलेगी एंट्री
Haridwar Kumbh Mela 2021 कोराना संकट का असर अगले साल हरिद्वार में होने वाले कुंभ पर भी नजर आएगा। कुंभ में उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने पर सरकार का फोकस रहेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत ने पत्रकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बातचीत के दौरान ये साफ किया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। Haridwar Kumbh Mela 2021 कोराना संकट का असर अगले साल हरिद्वार में होने वाले कुंभ पर भी नजर आएगा। कुंभ में उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने पर सरकार का फोकस रहेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत ने शुक्रवार को पत्रकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बातचीत के दौरान साफ किया कि कुंभ का आयोजन परंपरानुसार शुभ लग्न में ही होगा, लेेकिन कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए संख्यात्मक लिहाज से यह नियंत्रित रहेगा। कुंभ के लिए सरकार पास जारी करेगी। पास के आधार पर ही श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पास की व्यवस्था को कैसे धरातल पर उतारना है, इस संबंध में संत-महात्माओं से बातचीत कर निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि कुंभ के आयोजन के लिए सरकार इन दिनों तैयारियों में जुटी है। हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में होने वाले स्थायी व अस्थायी प्रकृति के कार्यों को पूरा करने के लिए दिसंबर तक की डेडलाइन तय की गई है। हाल में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कोविड को ध्यान में रखते हुए कदम बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए उठ रही लॉकडाउन की मांग के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की कोई योजना नहीं है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोविड पर नियंत्रण को प्रभावी कदम उठाए गए हैं। परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय लिए जा रहे हैं। सॢवलांस, सैंपलिंग, टेस्टिंग पर फोकस है। यदि किसी क्षेत्र में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं तो वहां सरकार कंटेनमेंट जोन बना सकती है। उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड से निबटने को पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं।
पांच सरकारी और विभिन्न प्राईवेट लैब में सैंपल की जांच की जा रही है। वर्तमान में 481 आईसीयू बेड, 543 वेंटिलेटर, 1846 आक्सीजन सपोर्ट बेड, 30500 आईसोलेशन बेड उपलब्ध हैं। सरकार के पास 200 वेंटिलेटर अतिरिक्त हैं, जिन्हें निजी अस्पतालों को दिया जाएगा। कोविड केयर सेंटरों में भी ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की संख्या बढ़ाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त करने के मद्देनजर रुद्रपुर, हरिद्वार व पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं।
ऑल वेदर रोड का चौड़ीकरण जरूरी
मुख्यमंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में चारधाम ऑलवेदर रोड का चौड़ीकरण जरूरी है। महज साढ़े पांच मीटर चौड़ी सड़क से काम नहीं चलेगा। अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे इस सीमांत क्षेत्र में सुरक्षा और सैन्य गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए यह सड़क साढ़े सात मीटर चौड़ी होनी आवश्यक है। इस सिलसिले में सरकार की ओर से जल्द ही केंद्र के समक्ष सभी तथ्यों के साथ पक्ष रखा जाएगा। गौरतलब है कि चारधाम को जोड़ने वाली केंद्र पोषित इस सड़क परियोजना की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर रखने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे।