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सीएम रावत ने दी हरेला की शुभकामनाएं, कहा- पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है पर्व

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पर्यावरण को समर्पित हरेला पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है। ये पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 07:56 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 07:56 PM (IST)
सीएम रावत ने दी हरेला की शुभकामनाएं, कहा- पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है पर्व
सीएम रावत ने दी हरेला की शुभकामनाएं, कहा- पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है पर्व

देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को समर्पित 'हरेला' पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है। यह त्योहार सम्पन्नता, हरियाली, पशुपालन और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। 

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उत्तराखंड में हरेला पर्व को वृक्षारोपण त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है। श्रावण मास में हरेला पूजने के बाद पौधे लगाए जाने की भी हमारी परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व हमारी लोक संस्कृति, प्रकृति और पर्यावरण के साथ जुड़ाव का भी प्रतीक है। प्रकृति को महत्व देने की हमारी परंपरा रही है। प्रकृति के विभिन्न रूपों की हम पूजा करते हैं। हमारी इन परंपराओं का वैज्ञानिक आधार भी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमारे लोकगीत और लोकपर्व प्रकृति से जुड़ाव के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं। ये बेहतर जीवन जीने का भी मार्गदर्शन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा की हरेला हरियाली और ऋतुओं का पर्व है। हमें प्रकृति संरक्षण और प्रेम की अपनी संस्कृति के साथ ही उत्सवों को मनाए जाने की परंपरा को बनाए रखना होगा। उन्होंने सभी से इस महत्वपूर्ण अवसर पर सक्रिय भागीदारी के साथ हर व्यक्ति से एक पौधा लगाने की अपील की है। हरेला पर्व के अवसर पर गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र मालदेवता क्षेत्र के अस्थल में आयोजित वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।

पुरोला और मोरी में हरेला पर्व की शुरुआत 

टौंस वन प्रभाग की ओर से उत्तरकाशी के पुरोला और मोरी में हरेला पर्व की शुरुआत की गई। यह अभियान दो सप्ताह तक चलेगा। इसके में तीन हजार पौधों को रोपने का लक्ष्य रखा गया है। बुधवार को वन विभाग ने ग्राम पंचायत धेवरा व सुनाली बीट के वन भूमि पर कर्मचारियों, ग्रामीणों ने बांज, आंवला, भीमल, रीठा, कचनार, डंकन आदि प्रजाति के 500 से अधिक पौधों का रोपण किया। वहीं हरेला पर्व पर रामा व कमल सिरांई क्षेत्र की वन व ग्राम पंचायत के पन घट, गोघट, चाल, खाल, नदी नालों के पास खाली भूमि पर 4 हजार से अधिक छायादार, चारापत्ति व फलदार पौधे रोपने का लक्ष्य निधारित किया गया।

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बुधवार को धिवरा गांव में हरेला पर्व का बतौर मुख्य अतिथि शुभारंभ करते हुए पूर्व जिला जज व लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य जयदेव सिंह ने वन पंचायतों, जन प्रतिनिधियों वन कर्मियों के साथ पौधा रोपण किया तथा पौधों की सुरक्षा का संकल्प लिया। इस मौके पर ब्लाक प्रमुख रीता पंवार, टौंस वन प्रभाग के एसडीओ आरएन श्रीवास्तव, ग्राम प्रधान शंभूप्रसाद रतूड़ी, अरविंद पंवार, टीएस रावत आदि मौजूद थे।

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