नौकरी में आते ही 'कमाई' करने में न जुटें अफसर, जानिए किसने कहा
प्रदेश के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि जब भी वे नए आइएएस या आइएफएस अफसरों से मिलते हैं तो उन्हें लूट-खसोट करने के बजाय समाज हित में काम करने की मशविरा देते हैं।
देहरादून, जेएनएन। समर्पण संस्था के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में प्रदेश के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने अधिकारियों को अजीबोगरीब सलाह दे डाली। हल्के-फुल्के मूड में उन्होंने कहा कि जब भी वे नए आइएएस या आइएफएस अफसरों से मिलते हैं तो, उन्हें 'लूट-खसोट' करने के बजाय समाज हित में काम करने की मशविरा देते हैं।
कैबिनेट मंत्री रावत ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वह अधिकारियों से स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि अगर दोनों हाथों से भी बटोरोगे तो 15 से 20 साल की नौकरी में किसी बड़े व्यवसायी के बराबर नहीं कमा सकोगे। अधिकारियों के पास जिम्मेदार पद होते हैं, इसलिए पैसा या पद मायने नहीं रखता। पैसा और पद से बड़ी होती है जिम्मेदारी। इसलिए जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
कैबिनेट मंत्री यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने कहा कि वह कई वर्षों से मंत्री पद पर रहे है, लेकिन उन्होंने कभी झूठी लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि समाज के लिए समर्पित भाव से काम करने में ही संतुष्टि मिलती है। उन्होंने सभागार में बैठे लोगों को भी समाज के लिए काम करने की सलाह दी।
वन मंत्री ने कहा कि हमें मानव जीवन मिला है इसलिए हमें अपने लिए ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी सोचना चाहिए। उधर, मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने विधायक उमेश शर्मा पर दिए गए बयान पर अपनी सफाई देते, हुए कहा कि मेरी बात को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। पार्टी सर्वोपरि होती है इसमें कोई दो राय नहीं है। पार्टी का निर्णय सर्वोपरि होता है। पार्टी में अनुशासन जरूरी है। कई बार उत्साह में कार्यकर्ता गलती भी कर जाते हैं। यह परिवार की बात है। माफी मांगने पर उन्हें परिवार के मुखिया माफ भी कर लेते हैं।
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