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नेत्र चिकित्सालय में स्त्री एवं प्रसूति रोग की ओपीडी शुरू

जागरण संवाददाता, देहरादून: महात्मा गाधी नेत्र चिकित्सालय में निजाम बदलते ही व्यवस्थाएं अब पटरी पर आन

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 03:01 AM (IST)
नेत्र चिकित्सालय में स्त्री एवं प्रसूति रोग की ओपीडी शुरू
नेत्र चिकित्सालय में स्त्री एवं प्रसूति रोग की ओपीडी शुरू

जागरण संवाददाता, देहरादून: महात्मा गाधी नेत्र चिकित्सालय में निजाम बदलते ही व्यवस्थाएं अब पटरी पर आने लगी हैं। आंख के अलावा अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग की ओपीडी भी शुरू कर दी गई है। बहुत जल्द यहा पर डिलीवरी के अलावा ऑपरेशन भी शुरू हो जाएंगे। अस्पताल में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य के तहत यूनिट स्थापित की जा रही है।

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स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने बीती 18 मई को गाधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय का निरीक्षण कर 30 जून तक स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, त्वचा रोग, मेडिसिन और सर्जरी विभाग शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसी बीच विभाग ने पूर्व चिकित्सा अधीक्षक से चार्ज लेकर वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. बीसी रमोला को यह जिम्मेदारी दी। जिसके बाद अब पस्थितियां बदली दिख रही हैं। सोमवार से यहा स्त्री एवं प्रसूति रोग की ओपडी शुरू कर दी गई है। कोरोनेशन से यहां तैनात की गईं डॉ. वंदना सुंद्रियाल, डॉ. शालिनी डिमरी व डॉ. रीता भंडारी ने मरीज देखने शुरू कर दिए। बता दें कि अस्पताल में अब तक केवल नेत्र विभाग ही चल रहा था। शेष अस्पताल खाली रहता है। द्वितीय तल पर मेडिसिन व प्राइवेट वार्ड बने हैं पर उनका भी इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। इससे अलग दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल की ओपीडी मरीजों से खचाखच भरी रहती है। महिला अस्पताल में भी डिलिवरी को लेकर अत्याधिक दबाव रहता है। स्वास्थ्य विभाग ने अब कोरोनेशन अस्पताल और महात्मा गाधी नेत्र चिकित्सालय को मिलाकर जिला अस्पताल बनाने की भी योजना बनाई है। नेत्र चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.बीसी रमेाला ने बताया कि बहुत जल्द अस्पताल में ही डिलीवरी एवं ऑपरेशन शुरू कर दिए जाएंगे। जिला अस्पताल की मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई अस्पताल में संचालित होनी है। इस लिहाज से काम तेजी से चल रहा है।

निक्कू वार्ड की भी सुविधा

नेत्र चिकित्सालय में नवजात शिशुओं को भी समुचित देखभाल मिल सकेगी। यहां द्रुत गति से निक्कू वार्ड तैयार किया जा रहा है। जनपद के सरकारी अस्पतालों में अभी बस महिला अस्पताल में ही निक्कू वार्ड है। इसकी भी हालत ज्यादा अच्छी नहीं है। अब नेत्र अस्पताल में छह बेड का निक्कू वार्ड खुलने से निम्न व मध्यम वर्ग को फायदा होगा।

लेबर रूम बनकर तैयार

अस्पताल में लेबर रूम में तकरीबन बनकर तैयार है। खास बात यह है कि इतना बड़ा लेबर रूम जनपद में किसी अन्य सरकारी अस्पताल में नहीं है। इसमें छह टेबल लगाए गए हैं। इसके अलावा बेबी वॉर्मर की भी व्यवस्था की गई है। वहीं अस्पताल में छह बेड का एएनसी व 24 बेड का पीएनसी वार्ड भी तैयार है। टीकाकरण कक्ष भी शुरू कर दिया गया है।

अल्ट्रासाउंड मशीन भी मिली

स्त्री एवं प्रसूति रोग की ओपीडी शुरू करने के साथ ही अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन भी स्थापित कर दी गई है। रेडियोलॉजिस्ट की डिमांड स्वास्थ्य महानिदेशालय को पहले ही भेजी जा चुकी है। वह कुछ ही वक्त में ज्वाइन कर लेंगे। इसके अलावा पैथोलॉजी का भी कायाकल्प किया जा रहा है।

मेडिसिन व बाल रोग के 12-12 बेड

अस्पताल में फिजीशियन व बाल रोग विशेषज्ञ की भी व्यवस्था रहेगी। यहां 12 बेड का बच्चा वार्ड तैयार है। इतने ही बेड मेडिसिन वार्ड में रहेंगे। चर्म रोग विशेषज्ञ यहां पहले ही अपनी सेवा दे रहे हैं। क्योंकि यह नेत्र चिकित्सालय हैं यहां आठ नेत्र सर्जन तैनात किए गए हैं।

स्टाफ के लिए भेजा प्रस्ताव

अस्पताल में एक ओर जहां तमाम व्यवस्थाएं पटरी पर आने लगी हैं, स्टाफ की अभी भी भारी कमी है। इस बावत चार सिस्टर, 11 स्टाफ नर्स, तीन ड्राइवर, एक एंबुलेंस, इलेक्ट्रीशियन व लिफ्टमैन का प्रस्ताव भेजा गया है। यहां छह सफाई कर्मी व आठ सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इनकी भी संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव महानिदेशालय को भेज दिया गया है।


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