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पोखड़ा के घंडियाल मल्‍ला गांव में पिंजरे में फंसा गुलदार

पोखड़ा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम घंडियाल मल्ला में गत 20 जुलाई को लगाए गए पिंजरे में मंगलवार देर रात एक गुलदार फंस गया। गुलदार को देखने के लिए काफी संख्‍या में ग्रामीण भी पहुंचे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 02:09 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 02:09 PM (IST)
पोखड़ा के घंडियाल मल्‍ला गांव में पिंजरे में फंसा गुलदार
पोखड़ा के घंडियाल मल्‍ला गांव में पिंजरे में फंसा गुलदार

देहरादून, जेएनएन। पौड़ी जिले के पोखड़ा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम घंडियाल मल्ला में गत 20 जुलाई को लगाए गए पिंजरे में मंगलवार देर रात एक गुलदार फंस गया। गुलदार को देखने के लिए काफी संख्‍या में ग्रामीण भी पहुंचे। वहीं, बुधवार को मौके पहुंची वन विभाग की टीम गुलदार को लेकर पोखड़ा रेंज कार्यालय ले गई।

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बताते चलें कि बीती 18 जुलाई को घंडियाल मल्‍ला गांव में अपनी बुआ के घर आई बीरोंखाल ब्लॉक के ग्राम थापला निवासी कक्षा दस की छात्रा अनामिका पुत्री जीत सिंह रावत पर गुलदार ने उस वक्त हमला कर दिया, जब वह‌ रात करीब नौ बजे घर में आंगन के पुश्ते पर बैठी थी। स्वजन घायल को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोखड़ा पहुंचे, जहां उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया था। घटना की सूचना मिलने के बाद रेंज अधिकारी राखी जुयाल टीम समेत मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी ली। 

ग्रामीणों की मांग पर गढ़वाल वन प्रभाग की पोखड़ा रेंज कार्यालय ने घटनास्थल के समीप एक पिंजरा लगा दिया। साथ ही वनकर्मी लगातार गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। रेंज अधिकारी राखी जुयाल ने बताया कि मंगवार मध्य रात्रि में गुलदार पिंजरे में फंस गया। बताया कि रेंज कार्यालय में गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उसे चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया जाएगा।

 कॉर्बेट टाइगर रिजर्व देश के सभी 50 टाइगर रिजर्व में पहले स्‍थान पर कायम 

बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की संख्या और घनत्व के लिहाज से देशभर के सभी 50 टाइगर रिजर्व में पहले स्थान पर बना हुआ है। इसके साथ ही कॉर्बेट में बाघों के आहार में भी अच्छी-खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बाघ गणना की मंगलवार को जारी विस्तृत रिपोर्ट के मुताबिक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व परिक्षेत्र में 266 बाघ हैं। इनमें से 231 विशुद्ध रूप से इसी रिजर्व में रहते है, जबकि शेष 35 का केंद्र आसपास के इलाकों में है। बाघों का घनत्व भी यहां 100 वर्ग किलोमीटर पर 14 बाघ हैं।

विश्व बाघ दिवस (29 जुलाई) से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को जारी बाघ गणना की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट ने उत्तराखंड में चल रहे बाघ संरक्षण के प्रयासों की सफलता पर मुहर लगाई है। संख्या के लिहाज से 442 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है। मध्य प्रदेश पहले और कर्नाटक दूसरे स्थान पर है।

राजाजी टाइगर रिजर्व में 38 बाघ

उत्तराखंड के दूसरे राजाजी टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र में बाघों की संख्या 52 है। स्टेटस रिपोर्ट क मुताबिक इनमें से 38 का केंद्र विशुद्ध रूप से रिजर्व में है। यानी वे यहीं रहते हैं। शेष 14 बाघों का केंद्र आसपास के क्षेत्र में है।

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