नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 12 साल की सजा
पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को दोषी करार देते हुए 12 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित को दोषी करार देते हुए 12 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माना न भरने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मामला वर्ष 2017 में विकासनगर में प्रकाश में आया था। शासकीय अधिवक्ता पोक्सो कोर्ट भरत सिंह नेगी ने बताया कि 22 अक्टूबर 2017 को पीड़िता की बहन ने थाना विकासनगर में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उसने बताया कि पेशे से ड्राइवर शाहरुख पुत्र निशारद निवासी नवाबगढ़ के साथ उसका भाई काम करता था। इसलिए शाहरुख का उसके घर आना-जाना था। एक दिन शाहरुख ने उनकी नाबालिग बहन के साथ बहला-फुसलाकर दुष्कर्म कर दिया। जिससे वह गर्भवती हो गई। जिसके बाद जब उन्होंने इस संबंध में आरोपित से बात की तो उसने उन्हें और पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि इसके बाद पीड़िता की बहन ने मुकदमा दर्ज कराया। जिसके आधार पर पुलिस ने उसी दिन शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद जब पीड़िता के बयान और मेडिकल करवाया गया तो वह छह महीने की गर्भवती निकली। जिसके बाद आरोपित का डीएनएन टेस्ट कराया गया, जिसमें बच्चा शाहरुख का ही होने की पुष्टि हुई। एफएसएल रिपोर्ट, डीएनएनए रिपोर्ट के साथ ही तमाम गवाहों और सुबूतों के देखते हुए स्पेशल जज पोक्सो कोर्ट रमा पांडे ने बुधवार को आरोपित शाहरुख को दोषी पाते हुए 12 साल की कठोर कारावास व 50 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने जुर्माने की राशि में से 25 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं। बच्चे और पीड़िता के भरण-पोषण के लिए उत्तराखंड आपदा राहत कोष से भी पीड़िता को एक लाख रुपये दिए जाने के आदेश दिए हैं। पीड़िता पक्ष की ओर से कोर्ट में कुल छह गवाह पेश किए गए।
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